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गर्भपात क्या है, इसके कारण, प्रकार और जरूरी जानकारी

Medically Approved by Dr. Seema

Table of Contents

गर्भपात को आम भाषा मे अबॉर्शन और मिसकैरेज (miscarriage meaning in hindi) भी कहा जाता है। गर्भपात वो कंडीशन है जो किसी महिला की प्रेग्नेंसी यानी गर्भावस्था की समाप्ति की घोषणा करती है। गर्भपात की स्थिति नैचुरल या सर्जिकली हो सकती है। ये एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत प्रेग्नेंसी खत्म हो जाती है। प्राकृतिक रूप से हुआ गर्भपात मिसकैरेज (miscarriage in hindi) कहलाता है जबकि चिकित्सकीय और सर्जिकल तरीकों से किया गया गर्भपात अबॉर्शन कहलाता है। गर्भपात के रिस्क फैक्टर को समझकर ही मां बाप को डिलीवरी संबंधी निर्णय लेने में मदद मिलती है और समय पर मेडिकल सहायता मिल सकती है। इस लेख में जानते हैं कि गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) क्या होता है और इसके प्रकार कितने होते हैं। इसके साथ साथ जानेंगे इसके बारे में सब कुछ।

गर्भपात क्या होता है?

गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) वो प्रक्रिया है जिसमें गर्भावस्था समाप्त हो जाती है। ये प्राकृतिक (miscarriage meaning in hindi) तौर पर भी हो सकता है और इसे कानूनी रूप से सुरक्षित दवाओं और सर्जरी के जरिए भी किया जाता है। गर्भपात प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरणों में होने वाली प्रक्रिया है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे अनचाही प्रेग्नेंसी, कुछ मेडिकल स्थितियां, व्यक्तिगत फैसले और दूसरे कुछ कारण। अबॉर्शन चाहे प्राकृतिक हो या सर्जिकल ये एक महिला द्वारा डॉक्टरों के साथ मिलकर लिया गया ऐसा निर्णय है जो महिला के स्वास्थ्य के साथ साथ दूसरे कई मामलों के लिए जरूरी होता है। गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है –

  1. मिसकैरेज – Miscarriage (Spontaneous Abortion) – इस तरह के गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) में प्रेग्नेंसी के पहले 20 सप्ताह में ही प्रेग्नेंसी (miscarriage in hindi) समाप्त हो जाती है। ये अक्सर कई तरह की हेल्थ संबंधी दिक्कतों के चलते होता है। मिसकैरेज के लक्षण (miscarriage symptoms in hindi) में योनि यानी वेजाइना से ब्लीडिंग (गर्भपात के लक्षण) और टिश्यूज का रिसाव, पेट में ऐंठन शामिल है।
  2. मेडिकल अबॉर्शन (Medical Abortion) – ये दवाओं के इस्तेमाल से किया जाता है। इस अबॉर्शन के जरिए प्रारंभिक प्रेग्नेंसी को समाप्त किया जाता है।
  3. सर्जिकल अबॉर्शन (Surgical Abortion) – इस तरह की प्रक्रिया में सर्जरी की मदद से वजाइना के जरिए प्रेग्नेंसी को समाप्त किया जाता है।

गर्भपात के कारण क्या हैं?

गर्भपात के कई कारण हो सकते हैं। मिसकैरेज (miscarriage meaning in hindi) अचानक होता है और इसके पीछे महिला की मेडिकल कंडीशन जिम्मेदार होती है। वहीं मेडिकल अबॉर्शन के लिए गर्भवती (miscarriage in hindi) महिला की जान बचाने, अनवांटेड प्रेग्नेंसी को हटाने और होने वाले बच्चे में घातक बीमारियों होने के चलते डॉक्टरों की सलाह ली जाती है। गर्भपात के कुछ मेडिकल कारण (गर्भपात के कारण) इस प्रकार हैं –

  • पल्मोनरी हाइपरटेंशन (Pulmonary hypertension)
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic pregnancy)
  • गंभीर प्रीक्लेम्पसिया (Severe preeclampsia)
  • किडनी की गंभीर बीमारी (Severe kidney disease)
  • कैंसर (Cancer)
  • भ्रूण यानी पैदा होने वाले बच्चे में खतरनाक औऱ गंभीर डिस्ऑर्डर यानी आनुवांशिक समस्याएं (Dangerous foetal anomalies)
  • गंभीर डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास (High Blood Pressure and Severe Diabetes)
  • गंभीर संक्रमण (Severe Infection) जैसे टोक्सोप्लाज्मोसिस या साइटोमेगालोवायरस
  • ऑटो इम्यून विकार (Auto Immune Disorder)

गर्भपात के रिस्क फैक्टर क्या हैं?

गर्भवती महिला के शरीर में कुछ खास कारक मिसकैरेज या समय से पहले अबॉर्शन (miscarriage meaning in hindi) की ओर इशारा करते हैं। अबॉर्शन के रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं –

  1. उम्र (Age)– उम्र बढ़ने के साथ साथ गर्भपात का जोखिम (miscarriage symptoms in hindi) बढ़ता जाता है। जैसे 40 साल की महिलाओं में 20 वर्ष की महिलाओँ की तुलना में इसका जोखिम ज्यादा होता है।
  2. पहले हुए गर्भपात (Previous Miscarriage)– यदि किसी महिला का पहले मिसकैरेज हो चुका है तो उसके दोबारा मिसकैरेज के रिस्क बढ़ जाते हैं।
  3. सेहत संबंधी स्थितियां (Health Conditions)– सेहत संबंधी कुछ कंडीशन जैसे लंबे समय से चली आ रही डायबिटीज, इंफेक्शन, गर्भाशय और ग्रीवा यानी सर्विक्स संबंधी दिक्कतें भी गर्भपात के रिस्क बढ़ाने में शामिल कही जाती हैं।
  4. वजन (Weight)– महिला का ज्यादा वजन भी इसकी वजह बन सकता है।
  5. स्मोकिंग (Smoking)– स्मोकिंग करने वाली महिलाओं को स्मोकिंग न करने वाली महिलाओं की तुलना में गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है।

आपको बता दें कि मिसकैरेज (miscarriage in hindi) प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में अचानक और अपने आप होता है, वहीं दूसरी तरफ मेडिकल और सर्जिकल गर्भपात सुनियोजित तरीके से किए जाते हैं। गर्भपात के कुछ लक्षण होते हैं और इसके कुछ जोखिम भी होते हैं। गर्भपात के जरिए आगे की जटिलताओं से बचने के लिए तुरंत डॉक्टरी परामर्श की सलाह दी जाती है। इससे महिला की सेहत को ज्यादा खतरा होने की आशंका को कम किया जा सकता है। यदि किसी को गर्भपात का हाई रिस्क है तो उसे तुरंत डॉक्टरी परामर्श जरूर लेना चाहिए। डॉक्टरी परामर्श के बाद गर्भपात पैनल टेस्ट के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।

FAQ

गर्भपात के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है?
गर्भपात (miscarriage meaning in hindi) के तुरंत बाद प्रेग्नेंसी नहीं होती है। मिसकैरेज या अबॉर्शन के बाद किसी महिला के शरीर को रिकवर करने यानी ठीक होने में कुछ समय लगता है। आमतौर पर गर्भपात के 2 से 3 सप्ताह बाद ओव्लूयेशन की प्रोसेस शुरु होती है जिसके बाद गर्भधारण की संभावना बनती है। हालांकि डॉक्टर गर्भपात के बाद कम से कम तीन महीने बाद ही दूसरी बार प्रेग्नेंसी की सलाह देते हैं।

क्या गर्भपात सुरक्षित होता है?
आमतौर पर गर्भपात सुरक्षित होता है, लेकिन कई बार महिला की उम्र, शारीरिक स्थिति और गर्भपात के तरीकों के (miscarriage symptoms in hindi) चलते इसमें जोखिम पैदा हो जाते हैं।

मिसकैरेज का क्या मतलब है?
प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह से पहले प्रेग्नेंसी का समाप्त हो जाना मिसकैरेज (miscarriage meaning in hindi) कहलाता है।

मिसकैरेज का क्या मतलब है?
प्रेग्नेंसी के 20वें सप्ताह से पहले प्रेग्नेंसी का समाप्त हो जाना मिसकैरेज (miscarriage meaning in hindi) कहलाता है।

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