क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण और इलाज
- 24 Aug, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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किडनी यानी गुर्दे हमारे शरीर के बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं। किडनी शरीर में खून को फिल्टर करने यानी खून को साफ करने का जरूरी काम करती है।
ऐसे में यदि किडनी खराब हो जाए तो शरीर कई गंभीर समस्याओं का शिकार हो सकता है।
किडनी की सेहत का पता लगाने के लिए क्रिएटिनिन स्तर (Creatinine Level) की जांच यानी क्रिएटिनिन टेस्ट काफी कारगर साबित होता है।
शरीर में अगर क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ा हुआ है तो शरीर में फ्लुइड रिटेंशन, थकान और दिल में दबाव की स्थिति पैदा हो जाती है।
ऐसे में किडनी की सेहत की जांच के लिए क्रिएटिनिन टेस्ट करवाना काफी महत्वपूर्ण होता है।
इस लेख में जानते हैं कि क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण और क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण क्या हैं, साथ ही जानेंगे क्रिएटिनिन कम करने के उपाय के बारे में।
क्रिएटिनिन क्या होता है?
क्रिएटिनिन (Creatinine) ऐसा टॉक्सिन यानी अपशिष्ट पदार्थ है जो मांसपेशियों के टिश्यू के टूटने पर खुद-ब-खुद बनने लगता है।
टिश्यू के विघटन पर क्रिएटिनिन लगातार बनता है और खून में रिलीज होता रहता है।
खून में इसका स्तर यह तय करता है कि किडनी किस तरह से काम कर रही है।
अगर किडनी सही से काम नहीं कर पा रही है तो खून में क्रिएटिनिन स्तर बढ़ जाता है।
इससे पता चलता है कि किडनी में दिक्कत है और उसे कामकाज करने में परेशानी हो रही है।
सामान्य तौर पर पुरुषों में क्रिएटिनिन का लेवल 0.74 से 1.35 मिग्रा/डेसीलीटर के बीच होता है,
जबकि महिलाओं में यह 0.59 से 1.04 मिग्रा/डेसीलीटर के बीच सामान्य माना जाता है।
अगर किसी व्यक्ति में क्रिएटिनिन का स्तर इस सीमा से अधिक जाता है तो यह किडनी की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है।
क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
अगर किडनी खून में मौजूद क्रिएटिनिन को सही तरीके से छानकर शरीर से बाहर नहीं निकाल पा रही है तो खून में इसका स्तर बढ़ जाता है।
ऐसे में शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण दिखने लगते हैं:
- फ्लुइड रिटेंशन (Fluid retention): शरीर में फ्लुइड इकट्ठा होने लगता है।
- यूरिन में कमी आना (Reduced urine output): पेशाब की मात्रा घट जाती है।
- थकान (Fatigue): कम काम करने पर भी थकान महसूस होती है।
- भ्रम और फोकस करने में दिक्कत (Confusion or difficulty in concentrating): ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
- मतली और उल्टी (Nausea and vomiting): मरीज को मतली और उल्टी का अनुभव होता है।
- सांस लेने में कठिनाई (Shortness of breath): दिल पर दबाव बढ़ने से सांस लेने में परेशानी होती है।
- दिल की धड़कन अनियमित होना (Irregular heart rate): हार्ट रिदम असामान्य हो जाती है।
- सीने में दर्द (Chest pain): मरीज की छाती में दर्द हो सकता है।
- पैरों और टखनों में सूजन (Inflammation on legs and ankle): शरीर में अतिरिक्त फ्लुइड जमा होने से सूजन होती है।
- यूरिन में खून आना (Blood in urine): पेशाब में खून आ सकता है।
क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण क्या हैं?
क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण किडनी की कार्यक्षमता और उसकी सेहत से सीधे जुड़े होते हैं। शरीर में इसके बढ़ने के कारण इस प्रकार हैं:
- डिहाइड्रेशन (Dehydration)
- ज्यादा प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन (High-protein diet)
- ज्यादा फिजिकल एक्सरसाइज (Intense physical exercise)
- क्रिएटिन सप्लीमेंट्स का ज्यादा सेवन करना (Creatine supplements)
- किडनी में संक्रमण (Kidney infections)
- डायबिटीज (Diabetes)
- हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)
- दिल की बीमारी (Heart disease)
- यूरिन मार्ग में रुकावट आना (Urinary tract obstruction)
- कुछ खास दवाओं का सेवन (Certain medications)
क्रिएटिनिन कम करने के उपाय क्या हैं?
क्रिएटिनिन के स्तर को नियंत्रित करने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
- संतुलित और हेल्दी डाइट फॉलो करें।
- डाइट में ज्यादा प्रोटीन लेने से बचें।
- प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें।
- भोजन में नमक का सेवन सीमित करें।
- नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करते रहें।
- अनावश्यक रूप से क्रिएटिन सप्लीमेंट्स लेने से बचें।
- अगर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या दिल की बीमारी है तो उचित इलाज और देखभाल करें।
- नियमित रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट करवाएं।
किडनी की सेहत की सही देखभाल और प्रभावी मैनेजमेंट के लिए शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर पर निगरानी रखना और
संतुलित लाइफस्टाइल अपनाना बहुत जरूरी है।
अगर किसी व्यक्ति में क्रिएटिनिन के स्तर में बढ़ोतरी के संकेत दिख रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
डॉक्टरी सलाह के बाद क्रिएटिनिन टेस्ट के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शेड्यूल बुक करें।
शेड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
प्रश्न 1: क्रिएटिनिन लेवल का आकलन करने के लिए कौन-कौन से टेस्ट करवाए जाते हैं?
उत्तर: क्रिएटिनिन लेवल की जांच के लिए सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट और क्रिएटिनिन क्लीयरेंस टेस्ट करवाया जाता है।
इनकी मदद से किडनी की सेहत और कार्यक्षमता का आकलन किया जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या दवाओं से क्रिएटिनिन का स्तर प्रभावित हो सकता है?
उत्तर: हां, कुछ खास दवाएं किडनी को नुकसान पहुंचाए बिना भी शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ा सकती हैं।
प्रश्न 3: रिस्क फैक्टर वाले लोगों को कितनी बार क्रिएटिनिन टेस्ट करवाना चाहिए?
उत्तर: ऐसे लोग जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से पीड़ित हैं,
या जिनके परिवार में किडनी की बीमारी रही है, उन्हें साल में कम से कम एक बार क्रिएटिनिन टेस्ट और किडनी की जांच करवानी चाहिए।








