विटामिन डी की कमी के लक्षण और महत्वपूर्ण ब्लड टेस्ट
- 28 Jun, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
Table of Contents

एक मजबूत और स्वस्थ शरीर के लिए हड्डियों का मजबूत होना बहुत जरूरी है। शरीर में हड्डियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त विटामिन डी (Vitamin D) बहुत महत्वपूर्ण है। विटामिन डी क्या होता है? (vitamin D kya hota hai) हड्डियों की मजबूती के साथ साथ एक बेहतर इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक प्रणाली के लिए भी विटामिन डी जरूरी माना जाता है, इसलिए इसे सनशाइन विटामिन (sunshine vitamin) भी कहा जाता है। शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने और शरीर के कई जरूरी कामकाज के लिए आवश्यक होने के बावूजद भारत में करीब 70 फीसदी जनता विटामिन डी की कमी (विटामिन डी डेफिशियेंसी) से पीड़ित है। क्या आपने सोचा है कि विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है? खास बात ये है कि विटामिन डी की कमी केवल हड्डियों को कमजोर नहीं करती, इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोमैलेशिया जैसी गंभीर हड्डियों से जुड़ी बीमारियां (विटामिन डी से होने वाले रोग) पनप सकती हैं। ऐसे में हड्डियों के साथ साथ शरीर की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए जरूरी है कि शरीर में विटामिन डी की कमी न होने पाए। विटामिन डी की कमी (विटामिन डेफिशियेंसी) के लक्षणों को समय रहते पहचान कर इसकी जांच के जरिए इसका सटीक उपचार किया जा सकता है। चलिए जानते हैं कि विटामिन डी की कमी कैसे होती है और इसके क्या लक्षण दिखते हैं। साथ ही जानेंगे कि शरीर में विटामिन डी की कमी की जांच/ विटामिन डी टेस्ट (vitamin d test) कैसे की जाती है।
विटामिन डी की कमी क्या है?
विटामिन डी शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हडिडयों की मजबूती, मांसपेशियों रेगुलेशन, इम्यून सिस्टम को सहयोग देने के साथ साथ कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण के लिए जरूरी कहा जाता है। विटामिन डी की कमी का मतलब है किसी व्यक्ति के शरीर के खून में 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी का स्तर सामान्य और निर्धारित किए गए स्तर से कम है।
विटामिन डी की कमी के क्या कारण हैं?
आमतौर पर ये माना जाता है कि धूप के कम एक्सपोजर यानी धूप में कम रहने से विटामिन डी की कमी हो जाती है। सूरज की रोशनी से शरीर को विटामिन डी मिलता है। लेकिन भारत जैसे देश मे जहां धूप का एक्सपोजर काफी होता है, वहां भी लोगों में विटामिन डी की कमी होती जा रही है। लाइफस्टाइल में बदलाव, कुछ मेडिकल स्थितियों और डाइट संबंधी आदतों के चलते शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। लाइफस्टाइल संबंधी आदतें और असंतुलित डाइट के चलते शरीर में विटामिन डी के उत्पादन और अवशोषण करने की क्षमता की कमी हो जाती है। विटामिन डी की कमी के कुछ कारण इस प्रकार हैं –
- धूप का कम एक्सपोजर – शरीर को पर्याप्त धूप न मिलना विटामिन डी की कमी का प्रमुख कारण कहा जा सकता है। ज्यादा ढके हुए कपड़े पहनना या फिर ज्यादा प्रदूषण इसकी वजह हो सकता है। कम धूप के एक्सपोजर के चलते शरीर विटामिन डी की कमी का शिकार हो जाता है।
- गलत डाइट – असंतुलित डाइट भी शरीर में विटामिन डी की कमी का कारण बनती है। वसायुक्त मछली का सेवन लगातार करने से शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। खासकर वो लोग जो शाकाहारी हैं, उनके शरीर में विटामिन डी की कमी सामान्य तौर पर पाई जाती है।
विटामिन डी की कमी के क्या लक्षण दिखते हैं?
शरीर में जब विटामिन डी की कमी होने लगती है तो शरीर में चेतावनी संकेतों (विटामिन डी की कमी के लक्षण) के रूप में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं। ये लक्षण कई बार हल्के (विटामिन डी की कमी के लक्षण) होते हैं और कई बार गंभीर दिखते हैं। विटामिन डी की कमी के सामान्य लक्षण (विटामिन डी से होने वाले रोग) इस प्रकार हैं –
- हड्डियों का कमजोर होना – विटामिन डी कमी का सबसे बड़ा संकेत हडिडयों का कमजोर होना है। इसकी कमी से हड्डियों में दर्द रहने लगता है और हड्डियां कमजोर होने लगती है।
- जोड़ों में दर्द होना – विटामिन डी की कमी से हडिडयों के जोड़ों में दर्द होने लगता है।
- मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होना – मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन होना भी विटामिन डी की कमी का लक्षण है।
- थकान हावी होना – व्यक्ति को हर समय थकान महसूस होने लगती है।
- शरीर में एनर्जी का लेवल कम होना – मरीज के शरीर से ऊर्जा खत्म होने लगती है। उसे सामान्य कामकाज करने में दिक्कत होने लगती है।
- दांत कमजोर होना – विटामिन डी की कमी से दांत और उनका इनेमल कमजोर होने लगता है। इससे कैविटी का भी खतरा बढ़ जाता है।
- मूड में अचानक बदलाव आना – मूड स्विंग होना विटामिन डी कमी का संकेत है। इस दौरान बार बार मूड में बदलाव होता है औऱ व्यक्ति एंजाइटी और स्ट्रेस का शिकार हो सकता है।
- बार बार संक्रमण की चपेट में आना – विटामिन डी की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और शरीर बार बार संक्रमण का शिकार होने लगता है।
- बालों का कमजोर होकर झड़ना – विटामिन डी की कमी से बाल कमजोर होने लगते हैं औऱ लगातार गिरने लगते हैं।
- नींद के साइकिल में बाधा आना – विटामिन डी की कमी के चलते कम नींद या अनिद्रा की भी समस्या हो सकती है।
- जख्म भरने में देर लगना – विटामिन डी घाव भरने में सहायक होता है। इसकी कमी से शरीर पर लगने वाले घाव भरने में देर लगने लगती है।
विटामिन डी की कमी को जानने के लिए कौन से ब्लड टेस्ट कारगर हैं?
विटामिन डी की कमी के लक्षणों का समय रहते पता न चले तो इसके लक्षण गंभीर रूप धारण कर लेते हैं। इस विटामिन की कमी के लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोग अक्सर इन्हें नजरंदाज कर बैठते हैं। इसलिए विटामिन डी की कमी को कंफर्म करने के लिए कुछ ब्लड टेस्ट (vitamin d test) विटामिन डी टेस्ट विश्वसनीय साबित हो सकते हैं-
- 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी परीक्षण – इसे 25(OH)D टेस्ट भी कहा जात है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में विटामिन डी के कुल स्तर को मापा जाता है। इसमें डी2 और डी3 शामिल हैं। इस टेस्ट में अगर विटामिन डी का स्तर 20 ng/mL से कम आता है तो ये विटामिन डी की कमी का संकेत है। 30 ng/mL या इससे ऊपर का स्तर सामान्य माना जाता है।
- कैल्शियम टेस्ट – चूंकि विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है इसलिए इसकी कमी के चलते शरीर में कैल्शियम का स्तर भी कम हो सकता है। इससे मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होती है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में कैल्शियम के स्तर की जांच की जाती है।
- फास्फोरस टेस्ट – फास्फोरस विटामिन डी और कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूत करता है। इसकी कमी भी शरीर में विटामिन डी की कमी का संकेत देती है। इस टेस्ट में शरीर में फास्फोरस के स्तर की जांच की जाती है।
- पैराथायरॉइड हॉर्मोन टेस्ट – अगर शरीर में इस हॉर्मोन का स्तर ज्यादा है तो ये संकेत देता है कि शरीर में विटामिन डी की कमी के चलते हड्डियों पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है।
अगर किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षण दिख रहे हैं तो इसके संबंधित विटामिन डी टेस्ट (vitamin d test) के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
विटामिन डी की कमी का रिस्क किन लोगों को ज्यादा होता है?
बुजुर्गों, ज्यादा गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों, धूप में कम रहने वाले लोगों और ज्यादा वजन वाले लोगों को विटामिन डी की कमी का ज्यादा रिस्क होता है।
क्या विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है?
हां, सूरज की पर्याप्त रोशनी, डाइट में हेल्दी बदलाव और सही सप्लीमेंट के जरिए विटामिन डी की कमी को दूर किया जा सकता है।








