एसजीओटी टेस्ट क्या है और इसकी नॉर्मल रेंज क्या है
- 13 Jul, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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किसी भी शरीर को स्वस्थ रखने में लिवर (Liver Health) का बहुत बड़ा हाथ होता है. लिवर के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) करवाया जाता है. एसजीओटी टेस्ट को आमतौर पर एस्पार्टेट एमिनोट्रांस्फरेज (AST) एएसटी टेस्ट (sgot kya hota hai) भी कहते हैं जो एक तरह का ब्लड टेस्ट है. इस टेस्ट की मदद से लिवर में पाए जाने वाले एसजीओटी एंजाइम का आकलन किया जाता है. एसजीओटी एंजाइम लिवर के साथ साथ किडनी, दिल, मांसपेशियों और दिमाग में भी पाया जाता है. अगर इन अंगों के किसी भी टिश्यू यानी ऊतक को नुकसान पहुंचता है तो एसजीओटी एंजाइम खून में रिलीज होने लगता है और इसका स्तर बढ़ता जाता है. एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) के जरिए मुख्य रूप से लिवर की सेहत और लिवर से जुड़ी बीमारियों का पता लगाया जाता है. एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) की मदद से लिवर में सूजन और लिवर की डैमेज समेत और कई दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है.
एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) आमतौर पर लिवर फंक्शन पैनल के तहत किया जाता है. इसके जरिए लिवर के समूचे स्वास्थ्य और उसकी कार्यक्षमता की सभी जानकारी प्राप्त की जाती है. इस लेख में जानते हैं कि एसजीओटी टेस्ट क्या (sgot kya hota hai) है औऱ एसजीओटी नॉर्मल रेंज क्या होती है. साथ ही जानेंगे कि एसजीओटी टेस्ट किन लोगों को करवाना चाहिए.
एसजीओटी टेस्ट किसलिए करवाया जाता है?
एसजीओटी टेस्ट (sgot kya hota hai) लिवर की कार्यक्षमता को मापने के साथ साथ लिवर की क्षति और खराबी का आकलन करता है. डॉक्टर शारीरिक परीक्षण के बाद कुछ लक्षणों के आधार पर एसजीओटी टेस्ट की सलाह देते हैं. एसजीओटी टेस्ट इन परिस्थितियों में किया जाता है –
- लिवर की सूजन का आकलन करने के लिए
- लिवर डैमेज का पता लगाने के लिए
- लिवर संबंधी बीमारियों का पता लगाने के लिए – हेपेटाइटिस, सिरोसिस, फैटी लिवर और अल्कोहल संबंधित लिवर डैमेज के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए
- किसी खास दवा के सेवन से पहले लिवर के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए
- पहले से लिवर की दिक्कत में इलाज की प्रगति पर नजर रखने के लिए
- दिल संबंधी रोग, मांसपेशियों की चोट के आकलन के लिए
आपको बता दें कि एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) केवल लिवर तक सीमित नहीं है, इसलिए किसी बीमारी का सही पता करने के लिए एसजीओटी टेस्ट के साथ एसजीपीटी(ALT) टेस्ट के साथ किया जाता है.
एसजीओटी टेस्ट किन लोगों को करवाना चाहिए?
लिवर की दिकक्तों के लक्षणों के दिखने पर एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) करवाने की सलाह दी जाती है. वो लोग जिनके शरीर में लिवर संबंधी बीमारियों के लक्षण दिख रहे हैं, उन्हें एसजीओटी टेस्ट की सलाह दी जाती है. डॉक्टर इन परिस्थितियों में एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) करवाने की सलाह दे सकते हैं-
- पीलिया की स्थिति में
- पेट के ऊपरी हिस्से में बेचैनी, मतली, थकान और कमजोरी जैसे लक्षण दिखने पर
- लंबे समय से ज्यादा शराब का सेवन करने पर
- लिवर इंफेक्शन की आशंका दिखने पर
- लिवर पर दबाव डालने वाली दवाओं के लगातार सेवन के बाद
- परिवार में लिवर संबंधी दिक्कतों का इतिहास होने पर
- लिवर फंक्शन टेस्ट पैकेज के हिस्से के रूप में
- फैटी लिवर के लक्षण दिखने पर
- मांसपेशियों की कमजोरी दिखने पर
- वायरल हेपेटाइटिस के संपर्क में आने पर
- लिवर प्रत्यारोपण यानी लिवर ट्रांसप्लांट से पहले और इसके बाद
एसजीओटी नॉर्मल रेंज क्या है
एसजीओटी टेस्ट का रिजल्ट इसके स्तर से पता चलता है. एसजीओटी का स्तर खून में प्रति लीटर (U/L) यूनिट के रूप मापा जाता है. हालांकि हर लैब में एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) का स्तर औऱ इसकी सीमा थोड़ी अलग हो सकती है. sgot नॉर्मल रेंज इस प्रकार है –
एसजीओटी लेवल की सामान्य सीमा आमतौर पर 8 से 45 यूनिट प्रति लीटर (U/L) सीरम होती है.
- पुरुष – sgot नॉर्मल रेंज 10 से 40 (U/L) है. अगर ये लेवल 50 (U/L) के पार जाता है तो एसजीओटी का रिस्क हाई माना जाता है.
- महिलाएं – महिलाओं में sgot नॉर्मल रेंज 45 (U/L) से ज्यादा होने पर हाई रिस्क माना जाता है.
- अगर किसी व्यक्ति में एसजीओटी 1000 (U/L) से ऊपर आता है तो ये स्थिति गंभीर लिवर डैमेज और टिश्यू इंजुरी के तौर पर देखी जाती है.
SGOT नॉर्मल रेंज को प्रभावित करने वाली स्थितियां क्या हैं?
एसजीओटी नॉर्मल रेंज को प्रभावित करने वाली स्थितियां इस प्रकार है –
- वायरल हेपेटाइटिस – हेपेटाइटिस ए, बी औऱ सी
- फैटी लिवर की स्थिति
- मांसपेशियों में चोट लगना
- ज्यादा व्यायाम या एक्सरसाइज
- दिल का दौरा
- दिल में सूजन
- अल्कोहलिक लिवर डिजीज
- क्रोनिक किडनी डिजीज
एसजीओटी टेस्ट (SGOT Test In Hindi) लिवर की सेहत और कार्यक्षमता का आकलन करता है. एसजीओटी टेस्ट में एसजीओटी लेवल में बदलाव दिखना लिवर की गंभीर स्थिति के साथ साथ ह्रदय या मांसपेशियों से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है. एसजीओटी एंजाइम का लेवल लगातार हाई रहना इस बात का संकेत है कि लिवर में दिक्कत है और व्यक्ति को डॉक्टरी सलाह की जरूरत है. एसजीओटी टेस्ट लिवर की गंभीर जटिलताओं का जल्द पता लगाने और उचित इलाज की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम कहा जाता है. यदि किसी व्यक्ति के शरीर में एसजीओटी एंजाइम के स्तर में बदलाव के लक्षण दिख रहे हैं तो उन्हें डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए. डॉक्टरी परामर्श के बाद एसजीओटी टेस्ट के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करना चाहिए. शैड्यूल बुक करने के लिए आज ही डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें.
FAQ
क्या एसजीओटी के स्तर को प्राकृतिक तरीकों से कम किया जा सकता है?
हां, लाइफस्टाइल में हेल्दी सुधार करके और अल्कोहल से दूरी बनाकर लिवर की हेल्थ को मजबूत बनाया जा सकता है जिससे एसजीओटी का स्तर सामान्य बना रहता है.








