प्रीडायबिटीज: लक्षण, रेंज, उपचार और आहार
- 21 Apr, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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प्रीडायबिटीज (Prediabetes) मधुमेह (Diabetes) की चेतावनी देने वाली ऐसी मेडिकल कंडीशन है जो इस गंभीर बीमारी के शुरूआती संकेत और शारीरिक बदलावों की तरफ इशारा करती है। 2023 में इस संबंध में करवाए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि करीब 136 मिलियन भारतीय प्रीडायबिटीज से पीड़ित है। इसमें 15.4 फीसदी लोग शहरों से संबंध रखते हैं और 15.2 फीसदी लोग गांवों के हैं। प्रीडायबिटीज में मधुमेह के खतरे को रोकने के लिए मेडिकल सहायता और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलावों की जरूरत पड़ती है।
प्रीडायबिटीज को आमतौर पर डायबिटीज टाइप 2 की चेतावनी के रूप में देखा जाता रहा है। प्रीडायबिटीज की स्थिति संकेत देती है कि किसी व्यक्ति के शरीर के खून में ग्लूकोज (High Blood Sugar Level) का स्तर बढ़ रहा है और आगे जाकर ये स्तर ज्यादा गंभीर रूप से बढ़ सकता है। चलिए इस लेख के जरिए जानते हैं कि प्रीडायबिटीज क्या है और इसके लक्षण क्या हैं। साथ ही जानेंगे कि इसकी डाइट और इसके मैनेजमेंट के लिए क्या तरीके अपनाए जा सकते हैं।
प्रीडायबिटीज क्या है? (What is Prediabetes?)
प्रीडायबिटीज एक ऐसी मेडिकल कंडीशन यानी शारीरिक स्थिति है जिसमें मरीज के शरीर में ब्लड में ग्लूकोज यानी शुगर का स्तर थोड़ा बढ़ जाता है। हालांकि खून में ग्लूकोज का स्तर इतना भी नहीं बढ़ता है कि मरीज को डायबिटीज टाइप 2 का मरीज माना जाए। एक स्वस्थ शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर 70 और 99 mg/dL के बीच होता है। अगर मरीज के शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर 100 और 1254 mg/dL के बीच होता है तो इसे प्रीडायबटीज की कंडीशन कहा जाता है।
प्रीडायबटीज वाले मरीजों में डायबिटीज के लंबे प्रभाव बहुत पहले ही दिखने शुरू हो सकते हैं। इन प्रभावों में ह्रदय, ब्लड वैसल्स (Blood Vessels) यानी रक्त वाहिकाओं और किडनी (Kidney) यानी गुर्दे को नुकसान होने लगता है। हालांकि राहत की बात ये है कि प्रीडायबिटीज को समय रहते उलटा किया जा सकता है। यानी लक्षणों की पहचान और मैनेजमेंट के जरिए प्रीडायबिटीज को डायबिटीज में डेवलप होने से रोका जा सकता है। प्रीडायबिटीज के मरीजों को डायबिटीज के रिस्क को कम करने के लिए अपने लाइफस्टाइल में कुछ सख्त बदलाव करने की जरूरत होती है।
प्रीडायबिटीज के कारण और रिस्क फैक्टर क्या हैं? (What Are the Causes and Risk Factors for Prediabetes?)
हालांकि प्रीडायबिटीज के पीछे छिपे सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं हैं लेकिन इसके कुछ सामान्य रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं –
- वजन का बढ़ना (Being overweight)
- असंतुलित जीवनशैली (Unhealthy lifestyle)
- गलत डाइट (Poor Diet)
- अपर्याप्त नींद (Inadequate sleep)
- स्मोकिंग (Smoking)
- परिवार में डायबिटीज का इतिहास (Family history of diabetes)
- हाई ब्लड शुगर (High blood sugar)
- शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल की कमी (Low HDL or good cholesterol)
- शरीर में ट्राइग्लिसराइड का स्तर ज्यादा होना (High triglyceride levels)
प्रीडायबिटीज के लक्षण क्या हैं? (What Are the Symptoms of Prediabetes?)
आमतौर पर प्रीडायबिटीज के लक्षण काफी कम दिखते हैं। ये इतने कम और हल्के होते हैं कि कई बार मरीज इन्हें नजरंदाज कर बैठता है। कुछ लक्षणों में गर्दन, कमर या अंडरआर्म जैसी जगहों पर स्किन काली पड़ने लगती है। प्रीडायबिटीज के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –
- ज्यादा और लगातार प्यास लगना (increased thirst)
- एकाएक भूख बढ़ जाना (increased hunger)
- बार बार यूरिन आना (Frequent urination)
- बिना ज्यादा काम किए भी थकान हावी होना (Fatigue)
- धुंधली नजर (Blurry vision)
- अचानक से वजन कम होना (Unintended weight loss)
- शरीर में बार बार इंफेक्शन होना (Frequent infections)
- चोट लगने पर घाव या जख्म होने पर देर से भरना (slow-healing sores)
- हाथ और पैरों में झन्नाहट औऱ सुन्न होना (Numbness or tingling in the hands and feet)
प्रीडायबिटीज डाइट क्या है? (What is a Prediabetes Diet?)
प्रीडायबिटीज की स्थिति को मैनेज करने और इसके लक्षणों को रोकने के लिए हेल्दी डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका है। हेल्दी डाइट और कुछ अन्य तरीकों के जरिए प्रीडायबिटीज को रोका या उलटा जा सकता है।
- पौष्टिक आहार और फाइबर से भरपूर भोजन (Eating a Nutritious Diet Fibre)
प्रीडायबिटीज के मरीज को अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे फलियां, बीन्स, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, अंडे, चिकन, ग्रीक योगर्ट, फल, सब्जियां, सोयाबीन का पनीर यानी टोफू और टर्की का सेवन करना चाहिए। हेल्दी डाइट के लिए अपने भोजन में रिफाइन कार्ब्स को कम करना जरूरी माना जाता है।
- शराब का सेवन सीमित करना या बंद करना करना (Reducing Alcohol Intake)
प्रीडायबिटीज के मरीज को शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए या बेहद कम कर देना चाहिए। अल्कोहल युक्त ड्रिंक्स शरीर में पानी की कमी कर देते हैं जिससे डिहाइड्रेशन होने की आशंका बढ़ जाती है। कई अल्कोहल युक्त ड्रिंक्स में बहुत ज्यादा शुगर होता है जो ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ा सकता है। इसलिए अल्कोहल का सेवन कम करना बेहद जरूरी है।
- शरीर को हाइड्रेट रखना (Staying Hydrated)
शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पानी जरूरी है। पानी पीते रहने से शरीर को पोषण भी मिलेगा और शरीर में पानी की कमी नहीं होगी जिससे ब्लड शुगर हाई नहीं होगा।
- नियमित रूप से व्यायाम करना (Daily Exercise)
प्रीडायबिटीज को रोकने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना और फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी मानी जाती है। कम शारीरिक एक्टिविटी इंसुलिन प्रतिरोध यानी इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी होती है। इसे रोकने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। हालांकि कठिन वर्कआउट और ज्यादा जिम जाना गैर जरूरी है। नियमित रूप से चलना यानी वॉक करना, डांस करना या अन्य हल्की शारीरिक एक्टिविटीज भी प्रीडायबिटीज को रोकने में मददगार साबित हो सकती हैं।
अगर किसी व्यक्ति में प्रीडायबिटीज के लक्षण दिख रहे हैं तो परामर्श के लिए डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। प्रीडायबिटीज टेस्ट (diabetes test) के लिए डा। लाल पैथलेब्स (Dr Lal PathLabs) में ऑनलाइन बुकिंग के लिए वेबसाइट पर विजिट करें।
FAQs
प्रश्न – क्या प्रीडायबिटीज को दूर किया जा सकता है?
उत्तर – अगर समय रहते प्रीडायबिटीज के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो लाइफस्टाइल और डाइट में जरूरी सुधार करके प्रीडायबिटीज को दूर किया जा सकता है।
प्रश्न – प्रीडायबिटीज की सीमा यानी रेंज क्या होती है?
उत्तर – प्रीडायबिटीज में मरीज के शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर 100-125 mg/dL होता है।








