डेंगु बुखार में प्लेटलेट्स कम होने के कारण, प्लेटलेट्स तुरंत कैसे बढ़ाएं
- 8 Jun, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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हर साल मानसून के मौसम में डेंगू बुखार के केस एकाएक बढ़ जाते हैं. डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. हालांकि ये बुखार एक सामान्य बुखार की तरह शुरू होता है लेकिन अगर ये गंभीर हो जाए तो शरीर के कई अंगों पर बुरा असर डालता है. डेंगू बुखार के दौरान खून में प्लेटलेट काउंट (platelet count in hindi) का कम होना सबसे बड़ी चिंता के तौर पर देखा जाता है. प्लेटलेट्स शरीर की वो छोटी छोटी रक्त कोशिकाएं हैं जो खून के थक्के बनाने में मदद करती हैं. इन कोशिकाओं की मदद से शरीर के कई काम सुचारू रूप से होते हैं. लेकिन अगर शरीर में इन कोशिकाओं यानी प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाए तो शरीर का खून पतला होने लगता है ब्लीडिंग यानी रक्तस्राव के रिस्क बढ़ जाते हैं. इस वजह से डेंगू के इलाज और मरीज की रिकवरी में काफी दिक्कत आती है. डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम होने पर कुछ आहार (प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले आहार)खाकर इसे बढ़ाया जा सकता है. इस लेख में जानते हैं कि डेंगू के कारण और लक्षण क्या हैं. साथ ही जानेंगे डेंगू के दौरान प्लेटलेट काउंट (platelet count in hindi) कम क्यों होता है और इसे तुरंत कैसे बढ़ाया (तुरंत प्लेटलेट काउंट कैसे बढ़ाएं)जा सकता है.
डेंगू के लक्षण और डेंगू के कारण क्या हैं?
डेंगू का बुखार डेंगू के संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. संक्रमित मच्छर के जरिए डेंगू का वायरस व्यक्ति के खून में प्रवेश कर जाता है. इसके चलते शरीर का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली ज्यादा एक्टिव हो जाती है और शरीर में बुखार और सूजन जैसे कई लक्षण दिखने लगते हैं. डेंगू के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –
- तेज बुखार
- आंखों में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- जोड़ो में दर्द और सूजन
- मतली और उल्टी का अनुभव
- नाक या मसूड़ों से खून बहना
- थकावट, कमजोरी औऱ चक्कर आना
आपको बता दें कि डेंगू वायरस के चार प्रकार होते हैं और व्यकित इनमें से किसी भी संक्रमण की चपेट में आ सकता है. अगर टीका लगवाया जाए तो डेंगू के दूसरे वायरस से आजीवन सुरक्षा नहीं मिल सकती है. इसलिए लोगों को जीवन में एक बार से ज्यादा बार डेंगू बुखार होने के रिस्क हमेशा रहते हैं. डेंगू एक से ज्यादा बार होने पर संक्रमण बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते डेंगू के लक्षणों का पता लगाकर इसका सही उपचार करवाया जाए.
डेंगू में प्लेटलेट काउंट कम क्यों हो जाता है?
डेंगू का वायरस शरीर में जाते ही प्लेटलेट काउंट पर असर पड़ता है. प्लेटलेट काउंट कम होने से ब्लीडिंग और थकान का रिस्क बढ़ जाता है. इससे डेंगू बुखार से इलाज और रिकवरी पर बुरा असर पड़ता है. डेंगू के बुखार में प्लेटलेट काउंट इन वजहों से कम होता है –
- डेंगू का वायरस यानी डीएनईवी शरीर में जाकर बोन मैरो के कामकाज में बाधा डालता है जिससे प्लेटलेट का उत्पादन धीमा होता है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है.
- डेंगू का वायरस जब शरीर पर हमला करता है तो इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने के दौरान गलती से हेल्दी प्लेटलेट को भी नष्ट करने लगता है. इससे प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है.
- डेंगू बुखार के दौरान खून में वायरस के चलते सूजन और तनाव आने लगता है. इसके चलते प्लेटलेट का ज्यादा उपयोग होता है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है.
- डेंगू के गंभीर मामलों में ब्लड वैसल्स लीक होने लगती हैं यानी रिसने लगती हैं. इससे प्लेटलेट्स के फ्लुइड में कमी आती है और प्लेटलेट काउंट कम होने लगता है.
प्लेटलेट्स काउंट तुरंत कैसे बढ़ाएं?
डेंगू बुखार के दौरान इलाज के साथ साथ इस बात की चिंता भी होती है कि प्लेटलेट्स काउंट (platelet count in hindi) को तुरंत कैसे बढ़ाएं. ऐसे में सटीक उपचार और पर्याप्त देखभाल के साथ प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के कुछ सुझाव दिए गए हैं –
तुरंत प्लेटलेट्स काउंट कैसे बढ़ाएं –
- हाइड्रेटेड रहें – पानी, नारियल पानी और ओआरएस का घोल पीते रहें. इससे प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में मदद मिलती है.
- प्लेटलेट काउंट तुरंत बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में चुकंदर, पालक, गाजर, बीन्स जैसे आयरन और फोलेट युक्त आहार शामिल करें. इससे प्लेटलेट्स काउंट
- पर्याप्त आराम करने से भी प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में मदद मिलती है.
- खुद दवा लेने से बचें – इस दौरान खुद कोई भी दवा लेने से बचें. इस दौरान प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
आपको बता दें कि डेंगू बुखार की जांच करने और प्लेटलेट्स काउंट के स्तर की निगरानी करने के लिए कई टेस्ट उपलब्ध हैं –
- सीबीसी (Complete Blood Count) – इस टेस्ट के जरिए शरीर में खून की पूरी जांच के साथ प्लेटलेट्स काउंट, लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं की गिनती की जाती है. इससे प्लेटलेट काउंट का सही पता चल सकता है.
- डेंगू NS1 एंटीजन टेस्ट (Dengue NS1 Antigen Test) – इस टेस्ट के जरिए डेंगू के शुरूआती संक्रमण का पता लगाया जा सकता है.
- डेंगू पीसीआर टेस्ट (Dengue PCR Test) – ये टेस्ट शरीर में डेंगू के वायरस की पुष्टि करता है.
- कोएगुलेशन प्रोफाइल (Coagulation Profile) – इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के शरीर में खून के थक्के जमने की क्षमता को मापा जाता है.
देखा जाए तो डेंगू बुखार सही उपचार न मिलने की दशा में गंभीर हो सकता है. लेकिन अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए तो इसके उपचार और रिकवरी में काफी मदद मिलती है. डेंगू के टेस्ट करवाने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करवाएं. शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें.
FAQ
Q1. क्या प्लेटलेट काउंट (platelet count in hindi)अपने आप बढ़ जाता है.
ज्यादातर मामलों में संक्रमण ठीक होने पर, पर्याप्त देखभाल और आराम के साथ साथ प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल और प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले आहार का सेवन करने से प्लेटलेट काउंट बढ़ सकता है.
Q2. क्या आहार के जरिए प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाया जा सकता है.
प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल खाकर और प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले आहार के जरिए प्लेटलेट काउंट बढ़ाया जा सकता है. विटामिन सी, फोलेट और आयरन से भरपूर डाइट के जरिए प्लेटलेट्स संख्या बढ़ाई जा सकती है.








