बारिश के मौसम में बार बार बुखार क्यों आता है? कारण, लक्षण और सावधानियां
- 24 Aug, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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यूं तो मानसून का मौसम बारिश के चलते खुशनुमा बन जाता है क्योंकि इससे गर्मी से राहत मिल जाती है, लेकिन राहत के साथ बरसात का मौसम अपने साथ ढेर सारी इंफेक्शन यानी संक्रमण संबंधी बीमारियों को साथ लेकर आता है। वातावरण में नमी और आद्रता, रुका हुआ पानी, मच्छरों की संख्या में इजाफा और कई तरह के वायरस फैलाने वाले बैक्टीरिया औऱ परजीवी इस मौसम में बार बार बुखार आने की वजह बनते हैं। बुखार बरसात के मौसम में होने वाली एक आम समस्या है जो संक्रमण के चलते होती है। कुछ लोग सोचते हैं कि बुखार किसकी कमी से होता है, जबकि सच्चाई ये है कि बुखार संक्रमण के चलते होता है। इस लेख में जानते हैं कि बार बार बुखार आना किसका लक्षण है और इसके कारण, लक्षण और बचाव के बारे में सब कुछ।
बरसात में होने वाला बुखार क्या है?
देखा जाए तो मानसून में होने वाला बुखार कोई खास बीमारी नहीं है। बुखार तब होता है जब मानसून में किसी तरह का संक्रमण शरीर पर हमला करता है। ये संक्रमण रुके हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों और गंदे पानी के संपर्क में आने के कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन के चलते होता है। इस संक्रमण के वायरस बैक्टीरिया या परजीवी के कारण होते हैं। इस तरह का संक्रमण होने पर थकान, सिर में दर्द, बदन दर्द और शरीर गर्म होने लगता है जिसे बरसाती या मानसूनी बुखार कहते हैं।
बरसात में होने वाले बुखार कई तरह (types of fever in Hindi) के होते हैं –
- डेंगू – डेंगू का बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है।
- मलेरिया – मलेरिया बुखार मच्छर के काटने से प्लास्मोडयिम परजीवी के चलते होता है।
- चिकनगुनिया – चिकनगुनिया भी मच्छर काटने से होता है और ये एक वायरल संक्रमण है।
- टटाइफाइड – बारिश के मौसम में दूषित और संक्रमित भोजन या पानी की वजह से ये बुखार होता है।
मानसूनी बुखार के लक्षण क्या हैं?
मानसूनी बुखार के लक्षण इसके संक्रमण (बार बार बुखार आना किसका लक्षण है) के आधार पर हर व्यक्ति में अलग अलग हो सकते हैं। हालांकि ज्यादातर संक्रमण के लक्षण एक समान दिखते हैं जो इस प्रकार हैं –
- तेज बुखार
- ठंड लगना
- सिर में दर्द
- थकान और बदन दर्द
- मतली और उल्टी का अनुभव होना
- भूख न लगना
- खांसी और गले में खराश
- जुकाम या नाक बहना
- पेट में दर्द होना
- दस्त लगना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- जोड़ों में दर्द होना
मानसूनी बुखार के कारण क्या हैं?
मानसूनी बुखार वातावरण में नमी और वायरस संक्रमण (बार बार बुखार आना किसका लक्षण है) के चलते होता है। बरसात के मौसम में नमी और आद्रता के साथ साथ मच्छरों का पनपना और कई बैक्टीरियल इंफेक्शन बुखार का कारण (बार बार बुखार आना किसका लक्षण है) बन जाते हैं। इस मौसम में बुखार के कारण इस प्रकार हैं –
- मच्छरों का प्रजनन (Mosquito Breeding): मानसून के मौसम में जगह जगह रुका हुआ पानी मच्छरों के प्रजनन का रिस्क बढ़ाता है। इस पानी में मलेरिया, डेंगू और चिनगुनिया के मच्छर प्रजनन करते हैं और पनपने लगते हैं।
- दूषित पानी और भोजन (Contaminated Food and Water): बरसात के मौसम में अस्वच्छ माहौल में पका भोजन, कटे फटे फल और गंदा पानी टाइफाइड, गैस्ट्रोएंटेराइटिस और हेपेटाइटिस ए जैसे संक्रमण को बढ़ावा देता है।
- नमी और आद्रता (Dampness and High Humidity): हवा में नमी होने के कारण फफूंद, बैक्टीरिया और कई तरह के वायरस फ्लू के साथ साथ सांस संबंधी दिक्कतों का कारण बन जाते हैं।
- कमजोर इम्यून सिस्टम (Weak Immune System): जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वो लोग मौसम में बदलाव और वायरस की चपेट में जल्दी आकर बुखार से पीड़ित (बुखार किसकी कमी से होता है) हो जाते हैं।
- हवा से फैलने वाले वायरस (Airborne Viruses): नम हवा में जिंदा रहने वाले वायरस जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस इस दौरान एक्टिव हो जाते हैं जिससे ज्यादा लोग बुखार की चपेट में आते हैं।
बरसात के मौसम में बुखार से बचाव कैसे करें?
मानसून का मौसम हर साल आता है और उससे जुड़े संक्रमण भी हर साल हमला करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि इनसे बचाव के तरीकों को अपनाकर खुद को सुरक्षित रखा जा सके। एक संतुलित लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट और हाइजीन का पालन करके मानसूनी बुखार से बचाव किया जा सकता है। मानसूनी बुखार से बचाव के तरीके इस प्रकार हैं –
- मच्छरों को पनपने से रोकें – घर के आस-पास कहीं पानी न जमा होने दें। गमले, नालियां, पुराने टायर या कूलर के अंदर पानी जमा न होने दें।
- रात को सोते समय मच्छरदानी, मॉस्किटो कॉयल या मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें।
- हाइजीन का पालन करें, रोज स्नान करें, बाहर से लौटने पर साबुन से हाथ धोएं।
- साफ और स्वच्छ माहौल में पका और ताजा भोजन करें।
- उबला या फिल्टर किया हुआ पेयजल ही पिएं।
- यात्रा के दौरान केवल बोतलबंद पानी का सेवन करें।
- स्ट्रीट फूड, कटे फटे फल और बासी भोजन से बचें।
- हर साल नियमित रूप से फ्लू का टीका लगवाएं जिससे संक्रमण से बचाव हो सके।
मानसून में बार बार बुखार आना (मानसून में बार बार बुखार आना किसका लक्षण है) मानसून के संक्रमण, मच्छरों के काटने, दूषित पानी औऱ भोजन के सेवन का लक्षण है। हाइजीन का पालन करके, मच्छरों से बचाव करके और स्वच्छ वातावरण के जरिए मानसून के संक्रमण से बचाव हो सकता है। अगर किसी व्यक्ति में बुखार के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टरी परामर्श के बाद डॉ. लाल पैथलैब्स में टेस्ट बुक करें। टेस्ट बुक करने के लिए डडॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
अंदरूनी बुखार क्यों होता है?
अंदरूनी बुखार बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के शरीर में प्रवेश करने पर होता है। ये बुखार असली बुखार से कुछ समय पहले होता है औऱ इसमें व्यक्ति को कंपकंपी के साथ ठंड महसूस होती है।
नॉर्मल बुखार कितना होना चाहिए?
एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य टेंपरेचर 97°F से 99°F के बीच माना जाता है। अगर शरीर का तापमान 100.4°F से ऊपर जाता है तो इसे बुखार कहा जाता है।








