फैटी लिवर – लक्षण, कारण और उपचार
- 16 Jul, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
Table of Contents
स्वस्थ शरीर के लिए लिवर का स्वस्थ और मजबूत होना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। लिवर शरीर का वो अंग है जो पोषक तत्वों को संग्रहित करने के साथ साथ खून में जमा टॉक्सिन यानी गंदगी को साफ करता है। हालांकि समय समय पर लिवर एनर्जी के लिए थोड़ी वसा यानी फैट भी इकट्ठी करता रहता है। लेकिन यही फैट जब लिवर में ज्यादा जमा हो जाती है तो फैटी लिवर (fatty liver in hindi) की परेशानी हो सकती है। लिवर में फैट का ज्यादा जमा होना इस गंभीर बीमारी का कारण बन जाता है। लिवर की इस बीमारी को स्टीटोसिस भी कहा जाता है। हालांकि फैटी लिवर का इलाज संभव है लेकिन अगर लिवर (fatty Liver in Hindi) की बीमारी गंभीर हो जाए तो ये कई जटिलताओं को जन्म दे सकती है। इस बीमारी से बचने के लिए इसके लक्षणों (फैटी लिवर के लक्षण), कारणों और उपचार के तरीकों को जानना जरूरी है। ऐसे में लिवर मजबूत करने के उपाय भी काम आते हैं। इस लेख में जानते हैं कि फैटी लिवर क्या है और ये कितने प्रकार का होता है। साथ ही जानेंगे इसके सामान्य लक्षण (liver fatty symptoms in hindi) और कारण के बारे में सब कुछ।
फैटी लिवर क्या है, इसके प्रकार और कारण क्या हैं?
फैटी लिवर (fatty liver in hindi) ऐसा रोग है जिसमें लिवर में जरूरत से ज्यादा वसा यानी फैट इकट्ठी हो जाती है। फैटी लिवर दो प्रकार का होता है:
- अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (AFLD): ज्यादा शराब के सेवन से अल्कोहलिक फैटी लिवर की स्थिति बन जाती है।
- नॉन अल्कोहलिक या मेटाबॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NFLD): इस स्थिति में मेटाबॉलिक कारण, मोटापा, टाइप टू डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रोल जैसे कारण लिवर में फैट जमा कर देते हैं।
लिवर में फैट जमने के लिए कई तरह के कारण जिम्मेदार कहे जाते हैं:
- टाइप टू डायबिटीज
- शराब का बहुत ज्यादा सेवन
- मोटापा
- मेटाबॉलिक कारण जैसे पाचन संबंधी दिक्कतें
- शारीरिक फिटनेस की कमी
- दवाओं का बुरा असर
- प्रेग्नेंसी
- उम्र संबंधी दिक्कतें जैसे ज्यादा उम्र में लिवर कमजोर होना
फैटी लिवर के लक्षण (liver fatty symptoms in hindi) क्या हैं?
किसी भी व्यक्ति के शरीर में फैटी लिवर के लक्षण (liver fatty symptoms in hindi) अलग-अलग तरह से दिखते हैं। फैटी लिवर के लक्षण चार दौर यानी चार चरणों में दिखाई देते हैं। फैटी लिवर के लक्षण (liver fatty symptoms in hindi) इस प्रकार हैं:
- सामान्य फैटी लिवर: इस बीमारी के लक्षण जब प्रारंभिक अवस्था में होते हैं तो मरीज के पेट के दाएं हिस्से में दर्द होने लगता है। उसे थकान होती है और वजन कम होने लगता है।
- स्टीटोहेपेटाटिस: इस बीमारी का दूसरा चरण पेट के दर्द को थोड़ा गंभीर करता है। लिवर सूजन के चलते पेट में लगातार दर्द बना रहने लगता है।
- फाइब्रोसिस: इस बीमारी के लक्षण तीसरे चरण में जाने पर लिवर में निशान पड़ने लगते हैं और पेट का दर्द थोड़ा बढ़ जाता है। हालांकि इस दौरान लिवर के कामकाज पर असर नहीं पड़ता है।
- सिरोसिस: इस बीमारी का चौथा और अंतिम चरण काफी परेशानी भरा होता है। लिवर सूजन का शिकार होकर क्षतिग्रस्त होने लगता है। लिवर में सूजन से इसके कामकाज पर असर पड़ता है। इस दौरान मरीज पीलिया का शिकार हो जाता है। पीलिया के साथ-साथ मतली, उल्टी, पेट में सूजन, आंतों में परेशानी, यूरिनेशन ट्रेक्ट की दिक्कत और त्वचा में खुजली की समस्या पैदा हो सकती है।
फैटी लिवर की जांच कैसे होती है?
फैटी लिवर बीमारी की पहचान के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। ब्लड टेस्ट के जरिए लिवर के स्वास्थ्य की पूरी जांच होती है और इसकी सूजन या इस पर जमा फैट का आकलन किया जाता है। लिवर में फैट जमने की शुरुआती पहचान के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है। लिवर की सूजन और निशान की पहचान के लिए या फिर टिश्यू डैमेज का आकलन करने के लिए इलास्टोग्राफी की जाती है। अगर किसी मरीज में फैटी लिवर के लक्षण गंभीर दिख रहे हैं तो स्थिति का सटीक आकलन करने के लिए डॉक्टर बायोप्सी की भी सलाह दे सकते हैं।
फैटी लिवर से बचाव कैसे किया जा सकता है?
लाइफस्टाइल से जुड़े उपाय करके फैटी लिवर जैसी बीमारी का बचाव औऱ नियंत्रण किया जा सकता है। लिवर को मजबूत करने और इस बीमारी से बचाव करने के लिए कुछ रोकथाम जरूरी कही जाती है:
- शराब से दूरी बनाकर रखें।
- स्वस्थ डाइट का सेवन करें
- डाइट में हेल्दी फैट का इनटेक बढ़ाएं।
- चीनी और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
- शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दें, नियमित एक्सरसाइज करें।
- नियमित तौर पर हेल्थ चैकअप करवाते रहें।
- नई दवाएं या सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
- हेपेटाइटिस का टीका जरूर लगवाएं।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
- धूम्रपान न करें।
ज्यादा शराब के सेवन और लाइफस्टाइल से जुड़े मेटाबॉलिक कारणों से जब लिवर में फैट जमा होने लगती है तो शरीर कई दिक्कतों का शिकार हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति में फैटी लिवर के लक्षण (liver fatty symptoms in hindi) दिख रहे हैं तो डॉक्टरी परामर्श जरूर करें। परामर्श के बाद डॉ. लाल पैथलैब्स में लिवर फंक्शन टेस्ट बुक करें। टेस्ट का शेड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
फैटी लिवर के लक्षण किस तरह दिखते हैं?
फैटी लिवर के लक्षण (liver fatty symptoms in hindi) थकान और पेट में दर्द से जुड़े होते हैं। मरीज के पेट में दर्द होता है, थकान हावी होती है। इसके अलावा इस बीमारी के लक्षण गंभीर होने पर उल्टी, मतली, स्किन पर खुजली, पीलिया की नौबत आ जाती है।
फैटी लिवर से कैसे बचाव किया जा सकता है?
शराब का सेवन कम करके या शराब का सेवन बंद करने के साथ-साथ लाइफस्टाइल से जुड़े कुछ हेल्दी तरीके अपनाकर फैटी लिवर से बचाव संभव है। इन तरीकों में वजन पर नियंत्रण, डायबिटीज पर कंट्रोल, हेल्दी डाइट, फिजिकल एक्टिविटी, दवाओं के सेवन में डॉक्टरी परामर्श और हेपेटाइटिस का टीकाकरण शामिल है।








