बीटा एचसीजी टेस्ट क्या है: जानिए गर्भावस्था में इसका महत्व
- 23 Aug, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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किसी भी महिला के जीवन में गर्भावस्था यानी प्रेग्नेंसी का समय बहुत ही महत्वपूर्ण और बदलाव से भरा होता है। परिवार की कोशिश रहती है कि होने वाली मां की प्रेग्नेंसी सुरक्षित और आरामदेय हो। ऐसे में प्रेग्नेंसी की शीघ्र पहचान और उचित देखभाल के लिए बीटा एचसीजी टेस्ट (beta hcg test in hindi) करवाया जाता है। ये टेस्ट प्रेग्नेंसी के शुरूआती चरणों में किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण टेस्ट है जो प्रेग्नेंसी की सटीक पुष्टि करने के साथ साथ प्रेग्नेंसी की डेवलपमेंट की निगरानी करने में मददगार साबित होता है। इस लेख में जानेंगे कि बीटा एचसीजी टेस्ट (beta hcg test in hindi) क्या है और इसकी अहमियत के बारे में सब कुछ।
बीटा एचसीजी टेस्ट क्या है?
बीटा एचसीजी टेस्ट (beta hcg test in hindi) मुख्य रूप से एक ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट को प्रेग्नेंसी कंफर्म करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से पेट में पल रहे भ्रूण के शुरुआती डेवलपमेंट की सटीक निगरानी करने में काफी मदद मिलती है। बीटा एचसीजी एक ऐसा हार्मोन है जो प्रेग्नेंसी के दौरान प्लेसेंटा द्वारा रिलीज किया जाता है। खून में इस हार्मोन का स्तर ही प्रेग्नेंसी की पुष्टि करता है। इसे ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडो ट्रोपिन कहते हैं। इसके अलावा ये टेस्ट एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (ectopic pregnancy) और मोलर प्रेग्नेंसी (molar pregnancy) का भी पता लगाता है। कई मामलों में इस टेस्ट की मदद से प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ खास प्रकार के ट्यूमर की भी पहचान की जा सकती है।
बीटा एचसीजी टेस्ट कितनी तरह का होता है।
बीटा एचसीजी टेस्ट (beta hcg test in hindi) मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, पहला प्रेग्नेंसी की पुष्टि के लिए और दूसरा प्रेग्नेंसी की निगरानी के लिए।
- एचसीजी क्वालिटेटिव टेस्ट (The hCG Qualitative Test– इस टेस्ट में खून में एचसीजी हार्मोन के स्तर की जांच की जाती है, कि ये हार्मोन खून में है या नहीं। अगर ये हार्मोन खून में है तो प्रेग्नेंसी कंफर्म होती है।
- क्वांटिटेटिव बीटा एचसीजी (Quantitative (Beta) hCG Test)– इस टेस्ट के माध्यम से खून में एचसीजी हार्मोन की मात्रा और स्तर की माप की जाती है। शुरुआती हफ्तों में इस टेस्ट की मदद से प्रेग्नेंसी की डेवलपमेंट की निगरानी की जा सकती है।
बीटा एचसीजी परीक्षण का क्या महत्व है?
प्रेग्नेंसी के शुरुआती दिन काफी अनिश्चित होते हैं। इस दौरान शरीर में कई परिवर्तन तेजी से होते हैं। इस टेस्ट के जरिए डॉक्टर प्रेग्नेंसी की पुष्टि और उसकी निगरानी करने के साथ-साथ इससे जुड़े कई रिस्क की पहचान कर सकते हैं। इस टेस्ट का महत्व इस प्रकार है –
- प्रेग्नेंसी से जुड़े खतरों की पहचान (Identifying Complications)– प्रेग्नेंसी के दौरान खून में एचसीजी का कम स्तर या इस स्तर का धीरे-धीरे बढ़ना गर्भपात या मोलर प्रेग्नेंसी का संकेत हो सकता है। ऐसे में इस स्थिति की पहचान के लिए ये टेस्ट जरूरी माना जाता है।
- प्रेग्नेंसी की सटीक मॉनिटरिंग के लिए (Monitoring Pregnancy)– प्रेग्नेंसी के पहले कुछ घंटों में एचसीजी के सटीक माप और स्तर की जांच के साथ-साथ ये टेस्ट यह निर्धारित करता है कि प्रेग्नेंसी सही रूप से आगे बढ़ रही है या नहीं।
- प्रेग्नेंसी की जल्द पहचान के लिए (Confirming Pregnancy Early)– इस टेस्ट की मदद से मासिक चक्र छूटने से पहले ही प्रेग्नेंसी की पुष्टि की जा सकती है। इससे ये टेस्ट आम यूरिन टेस्ट की अपेक्षा अधिक विश्वसनीय हो जाता है।
- डिलीवरी के तरीकों को आसान बनाने के लिए (Facilitating Fertility Treatments)– आईवीएफ जैसे ट्रीटमेंट से गुजर रही महिलाओं के लिए ये टेस्ट सफल प्रत्यारोपण यानी इंप्लांटेशन की पुष्टि करता है और रिस्की प्रेग्नेंसी के हर कदम की निगरानी करता है।
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बीटा एचसीजी टेस्ट कब करना चाहिए?
बीटा एचसीजी परीक्षण (beta hcg test in hindi) प्रेग्नेंसी के शुरूआती दिनों में ही कराया जाता है। ये टेस्ट गर्भधारण करने यानी कंसीव करने के 11 से 14 दिनों के भीतर करवाया जाता है। ओव्यूलेशन के 11 से 14 दिनों के भीतर इस टेस्ट को करवाया जाता है। अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी का संदेह हो या फिर प्रेग्नेंसी के लक्षणजैसे पीरियड्स न आना, मतली या उल्टी का अनुभव और स्तनों में कोमलता आदि दिखें तो डॉक्टरी सलाह पर ये टेस्ट करवाया जा सकता है।
बीटा एचसीजी का स्तर कैसे देखा जाता है?
इस टेस्ट में रिजल्ट (बीटा एचसीजी टेस्ट नॉर्मल रेंज) यूनिट प्रति मिलीलीटर के आधार पर देखा जाता है। अगर किसी के शरीर में एचसीजी हार्मोन का स्तर 5 mIU/mL से ज्यादा है तो ये प्रेग्नेंसी का संकेत है। अगर किसी महिला के ब्लड टेस्ट में एचसीजी का लेवल 5 mIU/mL से कम आता है तो इसका मतलब प्रेग्नेंसी नहीं है।
बीटा एचसीजी टेस्ट नॉर्मल रेंज इस प्रकार है –
- 5 mIU/mL से कम – नॉन प्रेग्नेंसी
- 5 mIU/mL से ज्यादा – प्रेग्नेंसी
- प्रेग्नेंसी के पहले 3 सप्ताह – 5-50 mIU/mL
- प्रेग्नेंसी के पहले 4 सप्ताह – 5-426 mIU/mL
- प्रेग्नेंसी के पहले 5 सप्ताह – 18-7,340 mIU/mL
अगर शरीर में एचसीजी का स्तर हर घंटे में दुगना हो रहा है तो ये एक हेल्दी और सुरक्षित प्रेग्नेंसी का संकेत माना जाता है। खून में एचसीजी का एक्यूट हाई लेवल यानी बहुत ज्यादा स्तर जुड़वां या तीन बच्चों का भी संकेत देता है। इसके अलावा एचसीजी का ज्यादा स्तर कुछ कैंसर जैसे ट्रोफोब्लास्टिक डिजीज का भी संकेत दे सकता है।
बीटा एचसीजी टेस्ट (beta hcg test in hindi) प्रेग्नेंसी की सटीक जांच के लिए किया जाता है और इसकी मदद से प्रेग्नेंसी के डेवलपमेंट को ट्रैक करना आसान होता है। यदि किसी महिला में प्रेग्नेंसी के संकेत मिल रहे हैं या प्रेग्नेंसी कंफर्म करनी है तो डॉक्टरी परामर्श करना चाहिए। डॉक्टरी परामर्श के बाद प्रेग्नेंसी को कंफर्म करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में एचसीजी टेस्ट बुक करवाएं। टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
बीटा एचसीजी टेस्ट नॉर्मल रेंज और प्रेग्नेंसी कंफर्म करने वाली रेंज क्या है?
बीटा एचसीजी नॉर्मल रेंज 5 mIU/mL है। अगर किसी महिला में ये स्तर 5 mIU/mL से कम है तो इसका मतलब है कि प्रेग्नेंसी नहीं है। वहीं 25 mIU/mL से ऊपर के बीटा एचसीजी लेवल पॉजिटिव प्रेग्नेंसी का संकेत माना जाता है।
प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कंसीव करने के 11 से 15 दिन के भीतर करना चाहिए।








