गर्मी के मौसम में एसिडिटी और पेट की समस्याएं – कारण उपचार
- 5 Dec, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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यूं तो गर्मी का मौसम शरीर को बहुत सताता है लेकिन खासतौर पर पेट और पाचन के लिए ये बहुत ज्यादा परेशानी का कारण बन जाता है। गर्मी के मौसम में जैसे जैसे तापमान बढ़ता है कई लोगों को डाइजेशन यानी पाचन संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। गर्मी के मौसम में एसिडिटी (Acidity), पेट फूलना (bloating) और अपच (indigestion) की शिकायतें ज्यादा देखने को मिलती हैं। पेट की ये समस्याएं आमतौर पर लाइफस्टाइल में बदलाव, डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी और मौसम के साथ बदलते आहार के पैटर्न के कारण होती हैं। देखा जाए तो गर्मियों में पाचन तंत्र को मजबूत और दुरुस्त रखने के लिए एसिडिटी और इसके कारणों को समझना जरूरी है। ये समझना होगा कि गर्मी के मौसम में पाचन क्यों खराब होता है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। इस लेख में बात करेंगे कि गर्मी के मौसम में एसिडिटी और पेट की दूसरी समस्याओं के बढ़ने का क्या कारण है। इसके साथ ही जानेंगे इनके उपाय और बचाव के तरीकों के बारे में सब कुछ। सटीक मेडिकल जांच और हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए डॉ. लाल पैथलेब्स का ऐप डाउनलोड कीजिए।
गर्मी के मौसम में पेट की समस्याएं क्यों बढ़ जाती हैं?
गर्मी के मौसम में ज्यादा तापमान डाइजेशन सिस्टम यानी पाचन तंत्र पर बहुत असर डालता है। इस दौरान एसिडिटी और पेट से जुड़ी दूसरी समस्याओं जैसे अफारा, गैस, अपच आदि का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी के दौरान इन कारणों के चलते पेट की समस्याओं का रिस्क बढ़ जाता है।
- डिहाइड्रेशन (Dehydration)- गर्मी के दौरान पसीने के रूप में शरीर से काफी पानी बाहर निकल जाता है। इससे शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार होता है। डिहाइड्रेशन शरीर के डाइजेशन सिस्टम पर असर डालता है और डाइजेशन धीमा हो जाता है। धीमा डाइजेशन पेट के एसिड और भोजन पचाने वाले एंजाइम के उत्पादन को प्रभावित करता है।
- बैक्टीरिया और संक्रमण (risk of bacterial contamination) – गर्मी के दौरान जैसे जैसे तापमान बढ़ता है, वैसे वैसे भोजन खराब होने का रिस्क बढ़ जाता है। गर्म वातावरण में भोजन में बैक्टीरिया और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा दूषित भोजन करने से पेट खराब होने का रिस्क पैदा होता है।
- भूख कम लगना (Loss of Appetite) – गर्मियों के मौसम में भूख कम लगती है या फिर भूख अनियमित हो जाती है। ऐसे में सबसे ज्यादा असर पेट पर पड़ता है और पेट में एसिड बनने लगता है।
- गर्मियों के मौसम में ठंडा खाने पीने की इच्छा होती है। ऐसे में लोग ठंडे ड्रिंक्स और फास्ट फूड खाते हैं। ऐसे फूड के ज्यादा सेवन से पेट की परत पर बुरा असर पड़ता है और पेट में एसिडिटी की समस्या आती है।
गर्मियों में एसिडिटी के क्या कारण हैं?
गर्मियों में पेट में एसिडिटी की समस्या के कुछ सामान्य कारण इस तरह हैं –
- भोजन न करना (Skipping meals)- गर्मियों में लोग अक्सर खाना समय पर खाना छोड़ देते हैं। कई बार खाना खाते ही नहीं है या फिर देर से खाते हैं। ऐसे में पेट में बनने वाले प्राकृतिक एसिड के संतुलन पर बुरा असर पड़ता है और वो असंतुलित होकर एसिडिटी पैदा करता है।
- तला हुआ और मसालेदार भोजन (Eating spicy, fried, or oily foods)- गर्मियों के मौसम में अक्सर लोग तला, भुना, ज्यादा मसालेदार और भारी भोजन करना पसंद करते हैं। इससे भोजन को पचाने में पेट को दिक्कत आती है और इससे एसिड रिफ्लेक्स बढ़ता है। इसके चलते एसिडिटी बनने लगती है।
- कार्बोनेटेड पेय और कैफीन का ज्यादा सेवन (Drinking fizzy drinks or too much caffeine) – गर्मियों के मौसम में लोग ठंडे और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स ज्यादा पीते हैं। इस मौसम में लोग ज्यादा चाय और कॉफी पीते हैं और इसका असर पेट और भोजन की नली के बीच के वॉल्व पर पड़ता है जिससे पेट के एसिड में असंतुलन पैदा होने लगता है। इसी के चलते एसिडिटी बढ़ जाती है।
- पर्याप्त पानी न पीना (Not staying properly hydrated) – गर्मियों के मौसम में शरीर में अक्सर पानी की कमी हो जाती है। इस दौरान अगर लोग कम पानी पीते हैं तो पेट की प्राकृतिक परत कमजोर होने लगती है। इससे एसिडिटी, अपच और अफारे की दिक्कत होने लगती है।
- बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infections)- गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ने और ह्यूमिडी यानी आद्रता के कारण भोजन में बैक्टीरिया का संक्रमण जैसे हेलिकोबैक्टर पाइलोरी हो जाता है। इसके चलते पेट की प्राकृतिक परत को नुकसान पहुंचता है और पेट की कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
गर्मियों में एसिडिटी और पेट की समस्याओं से कैसे बचा जा सकता है?
आमतौर पर ज्यादा तापमान और बढ़ती ह्यूमिडी पेट की समस्याओं का कारण बनती है। ऐसे में अपनी लाइफस्टाइल और खान पान की आदतों में बदलाव करके पेट की परेशानियों को रोका जा सकता है। इसके लिए ये कदम उठाने जरूरी हैं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं – गर्मी के मौसम में दिन में ढेर सारा पानी पीना चाहिए। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिन भर में 10 से 12 गिलास पानी पीना महत्वपूर्ण है। आप पानी के साथ साथ नारियल पानी, नींबू पानी या छाछ भी पी सकते हैं।
- हाइडेट्रेड फलों का सेवन करें – इस मौसम में बाजार में आने वाले हाइड्रेट फल जैसे खीरा, तरबूज, खरबूजा आदि का सेवन करें। ये पाचन को मजबूत करेंगे और शरीर में पानी की कमी दूर करेंगे।
- गर्मी के मौसम में ज्यादा तला भुना भोजन और मसालेदार भोजन करने से बचें। इस दौरान कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और ज्यादा कॉफी पीने से भी परहेज करें।
- भोजन स्किप न करें – किसी भी हालत में भोजन को स्किप न करें यानी भोजन करना न बंद करें। सुबह का नाश्ता बिलकुल न छोड़ें, रात को हल्का भोजन कर सकते हैं।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट करें – तनाव सीधे तौर पर डाइजेशन को प्रभावित करता है। इस मौसम में योग या प्राणायाम के जरिए तनाव को कंट्रोल करने का अभ्यास करें।
- भोजन करने के ठीक बाद लेटने से बचें। भोजन के बाद कुछ देर खड़े रहें या टहलें।
एसिडिटी के दौरान मेडिकल सलाह कब लेनी चाहिए?
देखा जाए तो एसिडिटी और पेट की समस्याओं के ज्यादातर मामले देखभाल, लाइफस्टाइल में बदलाव और परहेज के बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर एसिडिटी गंभीर हो जाए या इसके लक्षण खतरनाक हो जाएं तो इसके लिए डॉक्टरी सलाह जरूरी हो जाती है। बार बार सीने में जलन होना, लगातार पेट फूलना, लगातार अपच किसी बड़ी और गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकते हैं। ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। अगर लाइफस्टाइल में बदलाव के बाद भी एसिडिटी और पेट की समस्याओं के लक्षण बने रहते हैं तो डॉक्टरी सलाह के बाद पेट की परत की जांच करवानी चाहिए। पाचन तंत्र की जांच और गैस्ट्रोइंस्टेस्टाइनल टेस्ट करवाने के लिए आप डॉ. लाल पैथलेब्स का ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
FAQ
प्रश्न – गर्मियों में एसिडिटी क्यों बढ़ जाती है?
गर्मियों में शरीर में पानी की कमी औऱ खान पान की आदतों में बदलाव के चलते डाइजेशन पर असर होता है और इससे एसिडिटी होने लगती है।
प्रश्न – क्या बिना दवा के एसिडिटी का इलाज हो सकता है?
शरीर को हाइड्रेट रखने, मसालेदार, तले भुने और अम्लीये भोजन से परहेज करके, कैफीन का कम सेवन करके और समय पर भोजन की आदत को अपनाकर एसिडिटी को रोका जा सकता है।








