विटामिन ई की कमी, कारण और बचाव के उपाय
- 19 Aug, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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विटामिन ई (Vitamin e deficiency) शरीर के विकास और कामकाज के लिए एक महत्वपूर्ण विटामिन कहा जाता है। ये वसा में घुलने वाला एक एंटी ऑक्सिडेंट है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ साथ आंखों, बालों और त्वचा की सेहत को बनाए रखता है। इसकी मदद से शरीर को ऑक्सिडेटिव तनाव से लड़ने में मदद मिलती है। ICMR-NIN 2020 की डाइटरी रेकेमेंडेशन में एक स्वस्थ व्यक्ति की प्रतिदिन विटामिन ई (अल्फ़ा-टोकोफ़ेरॉल) की जरूरत 7।5-10 मिलीग्राम बताई गई है। हालांकि इसके बावजूद लोग अक्सर शरीर में इस विटामिन की कमी (Vitamin e deficiency) पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इस विटामिन की कमी के चलते शरीर कई तरह की दिक्कतों (विटामिन ई की कमी से रोग) का शिकार हो सकता है जैसे कमजोर इम्यून सिस्टम, थकान, रूखी त्वचा और बाल झड़ना आदि। इस लेख में जानते हैं कि विटामिन ई की कमी से क्या होता है और विटामिन ई की कमी के लक्षण (Vitamin E Deficiency Symptoms) क्या हैं। साथ ही जानेंगे इसके कारण और मैनेजमेंट के बारे में सब कुछ।
विटामिन ई की कमी क्या है?
विटामिन ई की कमी (Vitamin e deficiency) ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें खून में अल्फा-टोकोफ़ेरॉल (विटामिन ई का एक्टिव और अब्जॉर्व हो सकने वाला स्वरूप) का स्तर कम होने लगता है। जब एल्फा – टोकोफैरॉल का स्तर (12µmol/L) से नीचे गिर जाता है तो शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाती है। हालांकि स्वस्थ लोगों में इस विटामिन की कमी कम ही देखने को मिलती है, खासकर उन स्थितियों में जहां वसा का अवशोषण मुश्किल हो रहा हो।
विटामिन ई की कमी के लक्षण किस प्रकार दिखते हैं?
विटामिन ई की कमी के लक्षण (Vitamin E Deficiency Symptoms) सामान्य तौर पर शुरुआत में हल्के दिखते हैं जिसके चलते अक्सर लोग इसे नजरंदाज कर बैठते हैं। लेकिन समय के साथ ये लक्षण गहरे होते हैं और नर्वस सिस्टम के साथ साथ मांसपेशियों, त्वचा और इम्यून सिस्टम को प्रभावित करते हैं। विटामिन ई की कमी (Vitamin e deficiency) के लक्षण इस प्रकार हैं –
- हाथ और पैरों में झनझनाहट होना – ये अक्सर नर्वस सिस्टम में क्षति के चलते होता है और ये इस विटामिन की कमी का प्रारंभिक संकेत कहा जा सकता है।
- मांसपेशियों में कमजोरी – ये विटामिन मांसपेशियों की मरम्मत करता है और इसकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है। इसके साथ साथ मांसपेशियों में दर्द और अकड़न भी होने लगती है।
- थकान – मांसपेशियों के कमजोर होने पर थकान का अनुभव होने लगता है।
- तालमेल बिठाने में कमी – इस विटामिन की कमी के चलते समन्वय में कमी आती है जिससे उठने बैठने और चलने के तालमेल में दिक्कत होती है।
- घुटने से आवाज आना – नर्वस सिस्टम के कमजोर होने पर घुटने में झटका लगता है जिससे घुटने से आवाज आने लगती है।
- धुंधली नजर – लंबे समय तक इस विटामिन की कमी के चलते नजर में धुंधलापन आता है और नाइट ब्लाइंडनेस की स्थिति बनती है।
- बार बार संक्रमण होना – कमजोर इम्यून सिस्टम के चलते शरीर बार बार संक्रमण का शिकार होता है
- रिकवरी की गति धीमी होना – चोट लगने या संक्रमण होने पर रिकवरी की गति धीमी हो जाती है और इसका कारण कमजोर इम्यून सिस्टम है।
- रूखी और फटी त्वचा – इस विटामिन की कमी के चलते त्वचा पर बुरा असर होता है और त्वचा रूखी, बेजान और फटी हुई दिखने लगती है।
- बालों का झड़ना – बाल कमजोर होकर टूटने और झड़ने लगते हैं।
विटामिन ई की कमी के कारण क्या हैं?
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विटामिन ई की कमी (Vitamin e deficiency) के कारण उन स्थितियों से जुड़े हैं जहां वसा के अवशोषण में रुकावट आने लगती है। इसके कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं-
- समय से पहले बच्चे का जन्म
- जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना
- डाइट में विटामिन ई का स्रोत कही जाने वाली खाद्य वस्तुओं जैसे मेवे, बीज, हरी सब्जियों और तेल का कम सेवन करना
- कुछ इम्यून डिस्ऑर्डर जैसे एवीईडी और एबेटालिपोप्रोटीनेमिया। ये डिस्ऑर्डर शरीर में इस विटामिन के अब्जॉर्व होने की प्रक्रिया में रुकावट डालते हैं।
- डाइजेस्टिव सर्जरी – पाचन संबंधी सर्जरी जैसे गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी। इस सर्जरी के बाद शरीर में वसा का अवशोषण कम होने लगता है।
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विटामिन ई की कमी को कैसे रोका जा सकता है?
लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके और कुछ चिकित्सकीय निगरनी के जरिए शरीर में विटामिन ई की कमी (Vitamin e deficiency) को नियंत्रित किया जा सकता है। विटामिन ई की कमी से बचाव के कुछ तरीके इस प्रकार हैं –
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- डाइट में बदलाव करें – अपनी डाइट में इस विटामिन का स्रोत कहे जाने वाले आहार जैसे बादाम, पालक, सूरजमुखी के बीज और वनस्पति तेल को शामिल करके इसे प्राप्त किया जा सकता है।
- वसा में घुलने वाले विटामिन के सही अवशोषण के लिए अपनी डाइट में साबुत अनाज, दही और हरी सब्जियों का सेवन करें। इनसे आंतों की सेहत मजबूत होती है और विटामिन का अवशोषण बेहतर होता है।
- बिना डॉक्टरी सलाह के कम वसा वाली डाइट का ज्यादा सेवन न करें। आपको बता दें कि विटामिन के अवशोषण के लिए पर्याप्त वसा की जरूरत होती है।
- जिन लोगों को पाचन संबधी डिस्ऑर्डर है या जिन्होंने पाचन सर्जरी करवाई है, ऐसे लोगों को नियमित जांच करवानी चाहिए।
- डॉक्टरी सलाह के अनुसार विटामिन ई के सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं। लेकिन इन्हें लेते समय डॉक्टरी सलाह का पालन जरूर करें।
- शरीर में विटामिन ई की कमी के लक्षण (Vitamin E Deficiency Symptoms) को समय रहते पहचान लिया जाए तो आहार संबंधी विकल्पों को अपनाकर इसकी कमी को दूर किया जा सकता है। शरीर में इस विटामिन की कमी के लक्षण दिखने पर डॉक्टरी परामर्श लें और विटामिन ई टेस्ट (vitamin e test ) के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
क्या केवल असंतुलित डाइट ही शरीर में विटामिन के घटते स्तर के लिए जिम्मेदार है?
नहीं, केवल असंतुलित डाइट ही विटामिन ई के कम स्तर के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए कुछ जेनेटिक विकार, सर्जरी भी कारण बन सकते हैं।
विटामिन ई की कमी के लिए कौन सा टेस्ट किया जाता है?
शरीर में विटामिन ई का स्तर जानने के लिए विटामिन ई टेस्ट (vitamin e test) किया जाता है। इस टेस्ट में अल्फ़ा-टोकोफ़ेरॉल के स्तर की जांच होती है। अगर स्तर 12µmol/L से कम है तो ये इस विटामिन की कमी के तौर पर देखा जाता है।








