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साइटिका : लक्षण, कारण, जांच और उपचार

Medically Approved by Dr. Seema

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साइटिक नर्व शरीर की सबसे बड़ी और मोटी नर्व यानी तंत्रिका है जो रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से से निकलती है और पैरों के पिछले हिस्से से होते हुए नीचे की ओर घुटनों तक पहुंचती है। साइटिक नर्व का मुख्य काम पैरों के अधिकतर हिस्सों में संवेदना पहुंचाना है, ये पैरों में संवेदना जगाती है जिससे पैर हिलते और महसूस होते हैं। साइटिक नर्व मांसपेशियों को निंयत्रित करने का भी काम करती है। अगर साइटिक नर्व दब जाए, डैमेज हो जाए या इसमें कोई भी परेशानी आ जाए तो पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।

 

इसे साइटिका का दर्द (sciatica meaning in hindi) कहते हैं और इसे मेडिकल भाषा में लम्बोसैक्रल रेडिकुलोपैथी भी कहा जाता है। साइटिका का दर्द पीठ के निचले हिस्से में होता है और पैरों में दर्द और झुनझुनाहट भी होने लगती है। साइटिका के दर्द (sciatica meaning in hindi) के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर इसकी जांच और इलाज में मदद मिल सकती है। इस लेख में जानते हैं कि साइटिका क्या है, साइटिका बीमारी के लक्षण क्या हैं, साइटिका का दर्द कहां होता है औऱ साइटिका के कारण के बारे में सब कुछ।

साइटिका क्या होता है?

साइटिक तंत्रिका यानी साइटिक नर्व से जुड़ी दिक्कतों को साइटिका (sciatica meaning in hindi) कहा जाता है। साइटिक नर्व के दबने, जख्मी होने, इसमें जलन या दर्द होने और किसी भी अन्य समस्या के कारण साइटिका का दर्द होने लगता है। साइटिका होने पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है, इसके अलावा पैरों में तेज चुभने वाला दर्द औऱ जलन होने लगती है। इसके चलते व्यक्ति का चलना फिरना और यहां तक कि बैठना और उठना तक मुश्किल हो जाता है। 20 से 50 साल तक ज्यादातर लोग जो अपने शरीर पर ज्यादा भार लादते हैं, ज्यादा देर तक बैठे रहते हैं या फिर ज्यादा मोटे हैं, उन्हें साइटिका का ज्यादा रिस्क रहता है।

साइटिका बीमारी के लक्षण किस तरह दिखते हैं?

साइटिका बीमारी के लक्षण अक्सर दर्द, जलन और चुभन के रूप में सामने आते हैं। साइटिका बीमारी के लक्षण इस प्रकार हैं –

  1. रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में दर्द
  2. कमर से फैलते हुए पैरों तक पहुंचने वाला दर्द
  3. पैरों में सुन्नाहट
  4. पैरों में तेज चुभने वाला दर्द
  5. मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी महसूस होना
  6. लंबे समय तक बैठने के बाद दर्द का बढ़ना
  7. खांसते, छींकते और उठते समय दर्द का बढ़ना

साइटिका के कारण क्या हैं?

साइटिका मुख्य रूप से साइटिक नर्व में आने वाली दिक्कतों के चलते होता है जो कई रूपों में सामने आती हैं। साइटिका के कारण इस प्रकार हैं –

  1. हर्नियेटेड डिस्क (Herniated disks) – हर्नियेटेड डिस्क तब होती है जब रीढ़ की हड्डी में स्थित डिस्क के फटने, खिसकने या केंद्र से बाहर आने पर साइटिक नर्व पर दबाव बनता है। इससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
  2. स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis) – इस कंडीशन में स्पाइनल कैनाल जिसमें रीढ़ की हड्डी स्थित होती है, उसका संकुचित होना दर्द का कारण बन जाता है। कैनाल के संकुचित होने पर साइटिक नर्व पर दबाव बनता है।
  3. डिजनरेटिव डिस्क (Degenerative Disk Disease) – इस कंडीशन में स्पाइनल डिस्क घिसने लगती है जिससे उठने-बैठने और किसी भी स्थिति को बदलने पर पीठ में दर्द होने लगता है। दरअसल ये डिस्क शरीर के लिए शॉक ऑब्जर्वर का काम करती है, जब व्यक्ति झुकता, मुड़ता या उठता बैठता है तो उसे झटके से बचाती है।

साइटिका की जांच किस तरह की जाती है?

साइटिका के दर्द (sciatica meaning in hindi) की जांच के लिए कई तरीके अपनाए जाते हैं जो इस प्रकार हैं –

  1. फिजिकल टेस्ट (Physical examination) – साइटिका होने पर चलने का तरीका सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। शारीरिक जांच के जरिए इस बदलाव, पैरों के लचीलेपन औऱ पावर की जांच की जाती है।
  2. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Test) – साइटिका की जांच में कई तरह के इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं, जैसे सीटी स्कैन, स्पाइन एक्सरे, एमआरआई स्कैन और इलेक्ट्रोमायोग्राफी आदि।
  3. नर्व टेस्ट ( Nerve tests) – जिन लोगों को लंबे समय से साइटिका की बीमारी होती है, उनके लिए डॉक्टर नर्व टेस्ट की सलाह देते हैं। इस टेस्ट में विदुयत आवेगों के प्रति साइटिक नर्व का रिस्पॉन्स देखा जाता है। इससे साइटिक नर्व की हेल्थ और उसके डैमेज का आकलन किया जाता है।

साइटिक नर्व बहुत ही महत्वपूर्ण नर्व है जो पीठ, रीढ़ की हड्डी के साथ पैरों और मांसपेशियोंके भी संचालन को मैनेज करती है। ऐसे में साइटिका के दर्द के लक्षणों को समय रहते पहचान कर साइटिक नर्व को हेल्दी औऱ सुरक्षित रखा जा सकता है। साइटिका (sciatica meaning in hindi) के दर्द के लक्षण दिखने पर डॉक्टरी परामर्श जरूर लें। डॉक्टरी परामर्श के बाद इससे जुड़े टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. साइटिका का खुद इलाज करने के तरीके कौन से हैं?

साइटिका (sciatica meaning in hindi) को ठीक करने के लिए सामान्य एक्टिविटीज जारी रखना, रोज हल्का व्यायाम करने और दर्द वाली जगह पर गर्म और ठंडी पट्टियां रखनी चाहिएं।

2. साइटिका कितने दिन तक रहता है?

साइटिका (sciatica meaning in hindi) आमतौर पर एक महीने से डेढ़ महीने यानी 4 हफ्ते से 6 हफ्ते के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि साइटिका के दर्द की समयसीमा हर व्यक्ति में अलग अलग होती है।

3. साइटिका का दर्द कहां होता है?

साइटिका का दर्द आमतौर पर साइटिक नर्व के आस पास महसूस होता है, जैसे रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से शुरू होकर पैर के पिछले हिस्से में घुटने तक जाता है।

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