एसजीपीटी परीक्षण, उपयोग और टेस्ट रिजल्ट
- 11 Jul, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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स्वस्थ लिवर शरीर की सुचारू कार्यक्षमता के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होता है। जब लिवर डैमेज होता है यानी लिवर खराब होता है तो इसमें पाया जाने वाला एंजाइम एसजीपीटी (Serum Glutamate Pyruvate Transaminase) खून में लीक होने लगता है। इस एंजाइम को एएलटी भी कहा जाता है। खून में इस एंजाइम का लेवल बढ़ने से कई तरह की दिक्कतें पैदा होने लगती हैं। लिवर में चोट लगने, सूजन आने या किसी इंफेक्शन के चलते ये एंजाइम खून में रिसने लगता है जिससे खून में इसका लेवल बढ़ जाता है। एसजीपीटी टेस्ट की मदद से लिवर की परेशानी का पता लगाने में मदद मिलती है। ये टेस्ट बिना लक्षण वाले लिवर रोगियों के लिए विशेष तौर पर मददगार साबित होता है। इस लेख में जानते हैं कि एसजीपीटी बढ़ने के कारण क्या हैं और एसजीपीटी बढ़ने के लक्षण कैसे दिखते हैं। साथ साथ जानेंगे एसजीपीटी परीक्षण औऱ एसजीपीटी नॉर्मल रेंज के बारे में सब कुछ।
एसजीपीटी बढ़ने के कारण क्या हैं?
एसजीपीटी को आम भाषा में एएलटी भी कहा जाता है। जब लिवर खराब होता है तो खून में इस एंजाइम का लेवल बढ़ जाता है। इस एंजाइम के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं –
- हेपेटाइटिस: हेपेटाइटिस ए, बी और सी जैसे वायरल इंफेक्शन के चलते लिवर में सूजन आ जाती है और लिवर खराब होने लगता है जिसके चलते ये एंजाइम नॉर्मल रेंज से ऊपर पहुंच जाता है।
- फैटी लिवर डिजीज: लिवर में ज्यादा फैट जमा होने से फैटी लिवर की स्थिति बन जाती है। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज और अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, दोनों ही स्थितियों में इस एंजाइम की नॉर्मल रेंज बदल जाती है।
- अल्कोहल का ज्यादा सेवन: जो लोग ज्यादा शराब पीते हैं, उनका लिवर जल्द खराब होता है और इस एंजाइम का स्तर बढ़ जाता है।
- दवाएं: कुछ खास दवाएं जैसे पेन किलर और एंटी बायोटिक दवाएं भी खून में इस एंजाइम का स्तर बढ़ा देती हैं।
- मेडिकल कंडीशन: कुछ खास मेडिकल कंडीशन जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज, ऑटो इम्यून बीमारियां भी इस एंजाइम का स्तर बढ़ाने का कारण बनती हैं।
- बढ़ा हुआ वजन: मोटापा और ज्यादा प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी शरीर में इस एंजाइम का स्तर बढ़ाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
एसजीपीटी बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
शरीर में इस एंजाइम के बढ़ने के लक्षण कई तरह से दिखते हैं जो इस प्रकार हैं –
- थकान और कमजोरी महसूस होना
- पेट में दर्द होना, खासतौर पर पेट में ऊपर की तरह दाएं हिस्से में दर्द होना
- पीलिया यानी जॉन्डिस की स्थिति – आंखों और त्वचा का रंग पीला पड़ जाना
- भूख कम लगना या भूख न लगना
- यूरिन का रंग बदल जाना – यूरिन का रंग गहरा हो जाना
- स्टूल यानी मल का रंग हल्का हो जाना
- वजन में एकाएक कमी आना
- मतली और उल्टी महसूस होना
- पैरों में सूजन आ जाना
- पेट में सूजन आ जाना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- आसानी से चोट लगना और खून बहना
एसजीपीटी परीक्षण क्या है?
एसजीपीटी परीक्षण यानी टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट है जिसकी मदद से लिवर के स्वास्थ्य का आकलन किया जाता है। इस टेस्ट के तहत लिवर में मौजूद एसजीपीटी एंजाइम की जांच की जाती है। ये टेस्ट आमतौर लिवर संबंधी संभावित बीमारियों और लिवर डैमेज के शुरूआती लक्षणों का पता लगाने के लिए काफी मददगार साबित होता है।
एसजीपीटी परीक्षण की सलाह कब दी जाती है?
आमतौर पर डॉक्टर इन परिस्थितियों में इस परीक्षण की सलाह देते है –
- पीलिया की जांच के लिए
- थकान, मतली और पेट दर्द के लक्षणों का पता करने के लिए
- हेपेटाइटिस इंफेक्शन से पीडित व्यक्तियों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए
- फैटी लिवर डिजीज की जांच और इलाज की निगरानी के लिए
- सिरोसिस बीमारी की जांच और इलाज की प्रगति जानने के लिए
- तपैदिक यानी टीबी की दवाओं का सेवन करने से पहले लिवर की स्थिति की जांच करने के लिए
- लिवर ट्रांसप्लांट से पहले और बाद में लिवर की स्थिति की जांच के लिए
एसजीपीटी टेस्ट किसे करवाना चाहिए?
एसजीपीटी टेस्ट इन लोगों को करवाना चाहिए-
- नियमित रूप से और ज्यादा शराब का सेवन करने वाले लोग
- लंबे समय से एंटीबायोटिक और खास दवाएं लेने वाले लोग
- ऐसे लोग जिनके परिवार में लिवर डैमैज और लिवर संबंधी बीमारियों का इतिहास रहा है
- ज्यादा वजन वाले लोग
- कम व्यायाम करने वाले लोग
- असंतुलित लाइफस्टाइल जीने वाले लोग
- हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों से ग्रसित लोग
- फैटी लिवर डिजीज से ग्रसित लोग
एसजीपीटी टेस्ट कैसे किया जाता है?
ये परीक्षण काफी आसान और बिना सर्जरी का होता है। इसमें केवल खून का सैंपल लिया जाता है जिसका रिजल्ट आमतौर पर 24 घंटे के भीतर आ जाता है। इस टेस्ट से पहले भूखा रहने की भी जरूरत नहीं होती है।
एसजीपीटी परीक्षण का रिजल्ट किस तरह देखा जाता है?
इस टेस्ट में एंजाइम लेवल को यूनिट प्रति लीटर के रूप में देखा जाता है। एसजीपीटी ऩॉर्मल रेंज इस प्रकार हैं –
आपको बता दें कि एसजीपीटी टेस्ट में हाई लेवल लिवर की किसी बीमारी की पुष्टि नहीं कर सकता है। इसके लिए आगे की जांच की जरूरत पर बल दिया जाता है।
लिवर खराब होने के शुरुआती लक्षण जल्द दिखाई नहीं देते हैं। ऐसे में एसजीपीटी परीक्षण के जरिए समय पर जांच होने से लिवर की कई गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति में इस एंजाइम के बढ़ने के लक्षण दिख रहे हैं या लिवर संबंधी किसी समस्या के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टरी परामर्श जरूरी है। डॉक्टरी परामर्श के बाद एसजीपीटी टेस्ट या लिवर फंक्शन पैनल टेस्ट के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। टेस्ट शैड्यूल करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
क्या एसजीपीटी का स्तर सामान्य किया जा सकता है?
हां, इंफेक्शन, शराब का सेवन, दवाओं का सेवन जैसी समस्याओं को सही से मैनेज किया जाए तो इस एंजाइम का स्तर सामान्य किया जा सकता है।






