ईसीजी टेस्ट क्या है, इसके प्रकार, तैयारी और सीमाएं
- 23 Mar, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
Table of Contents
ईसीजी टेस्ट (ECG Test) को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram)और ईकेजी (EKG Test) टेस्ट भी कहा जाता है। ये एक आसान और दर्दरहित टेस्ट है जिसके जरिए दिल की विद्यत गतिविधियों और संकेतों यानी इलेक्ट्रिक इंपल्सेज को मापा जाता है। इस टेस्ट के जरिए हेल्थ प्रोफेशनल दिल संबंधी जोखिमों और बीमारियों का पता लगाते हैं। विलेम एंथोवेन ने 20वीं सदी की शुरूआत में इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम को ईजाद किया था।
इसी ईसीजी की मदद से नए दौर में डॉक्टर दिल की विद्युत गतिविधियों और संकेतों को मापने के साथ साथ दिल संबंधी खतरों का इलाज कर पाने में सक्षम हो गए हैं। आज के दौर में ईसीजी दिल संबंधी कई बीमारियों का इलाज करने वाला एक बुनियादी टेस्ट बन गया है क्योंकि ये दिल में पैदा होने वाली कई असामान्यताओं का जल्द पता लगाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि ईसीजी क्या है, इसकी तैयारी कैसे की जाती है। इसके कितने प्रकार हैं और साथ साथ इसकी लिमिटेशन के बारे में भी बात करेंगे।
ईसीजी टेस्ट क्या है ? (What Is an ECG Test?)
ईसीजी टेस्ट के जरिए मरीज के दिल के इलेक्ट्रिक इंपल्सेज यानी विद्युत गतिविधियों को मापा जाता है। इस टेस्ट में दिल की धड़कन की गति के जरिए मिलने वाले संकेतों की जांच की जाती है। स्किन पर छोटे छोटे इलेक्ट्रोड (चिप) चिपकाए जाते हैं, जो दिल की लय और गति की गणना करते हैं। दिल की गतिविधियों को समझने के बाद स्किन पर लगे ये इलेक्ट्रोड ईसीजी मशीन को संकेत भेजते हैं और ये मशीन इन संकेतों के आधार पर दिल की गतिविधियों का ग्राफ रिकार्ड करती है। ईसीजी मशीन तरंगों के रूप में कंप्यूटर स्क्रीन पर दिल के आवेगों को रिकॉर्ड करती रहती है, इसी ग्राफ के जरिए डॉक्टर ये तय कर पाने में सक्षम होते हैं कि व्यक्ति का दिल किस तरह काम कर रहा है। इस ग्राफ के आधार पर ही डॉक्टर असामान्य हार्ट बीट या असामान्य ब्लड फ्लो जैसी कई दिक्कतों को समझ पाते हैं।
ईसीजी टेस्ट कितने प्रकार के होते हैं? (What Are the Different Types of ECG Tests?)
मौजूदा समय में दिल की विद्युत गतिविधि को मापने के लिए कई तरह के ईसीजी टेस्ट कराए जाते हैं। हर टेस्ट अलग अलग मकसद से जांच का विकल्प प्रदान करता है। ईसीजी टेस्ट के प्रकार इस तरह हैं –
- रेस्टिंग ईसीजी (Resting ECG): रेस्टिंग ईसीजी 5 से 10 मिनट का लंबा टेस्ट होता है। इस दौरान मरीज को लिटाया जाता है और इलेक्ट्रोड चिप्स के जरिए उसके दिल की गतिविधियां मापी जाती हैं। रेस्टिंग ईसीजी दिल की लय और कामकाज के बारे में जरूरी जानकारी प्रदान करता है।
- स्ट्रेस ईसीजी (एक्सरसाइज ईसीजी): स्ट्रेस ईसीजी ये तय करता है कि एक्सरसाइज के दौरान मरीज का दिल किस तरह काम और रिस्पॉन्स करता है। मरीज एक खड़ी हुई बाइक को पैडल मारकर चलाता है, या फिर ईसीजी मशीन से जुड़ी ट्रेडमिल पर वॉक करता है। इस दौरान डॉक्टर उसकी फिजिकल एक्टिविटी के दौरान दिल के इलेक्ट्रिक पैटर्न में होने वाले बदलावों का निरीक्षण करता है।
- एंबुलेटरी ईसीजी (Ambulatory ECG): इसे होल्डर मॉनिटरिंग भी कहा जाता है। इस टेस्ट के दौरान एक पोर्टेबल ईसीजी मशीन मरीज की डेली एक्टिविटीज यानी दिन की सामान्य गतिविधियों को 24 से 48 घंटे तक रिकॉर्ड करती है। इस डिटेल मॉनिटरिंग में दिल की असामान्य हार्टबीट को परखा जाता है जो स्टेंडर्ड टेस्ट के दौरान पता नहीं चल पाती हैं।
ईसीजी टेस्ट के क्या फायदे हो सकते हैं? (What Are the Benefits of an ECG Test?)
ईसीजी टेस्ट दिल संबंधी सेहत, दिल की देखभाल और बीमारियों की जांच के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है। इसके फायदे इस प्रकार है –
- दिल संबंधी बीमारियों का समय रहते पता लगाना।
- बिना दर्द का टेस्ट यानी पेनलैस टेस्ट प्रोसेस।
- दिल के बारे में सभी जानकारी तुरंत प्रदान करना।
- दिल की कार्यक्षमता को लेकर सही जानकारी प्रदान करना।
- दिल की हर एक्टिविटी की सटीक जानकारी देना
- दिल की सर्जरी से पहले दिल की सटीक कंडीशन की जानकारी प्रदान करना।
ईसीजी टेस्ट की तैयारी कैसे की जाती है? (How To Prepare for an ECG Test?)
दिल संबंधी गतिविधियों के सटीक रिजल्ट के लिए ईसीजी टेस्ट से पहले कई चरणों में तैयारी की जाती है।
- टेस्ट से 24 घंटे पहले तंबाकू और चाय पर रोक (Do not have caffeine and tobacco 12-24 hours before the test) ईसीजी टेस्ट से पहले मरीज को 12 से 24 घंटे पहले तंबाकू और कैफीन के सेवन से रोक दिया जाता है। ये दोनों ही चीजें दिल की गति को प्रभावित करती हैं।
- डॉक्टर को ली जा रही सभी दवाओं की जानकारी देना (Let the doctor know about all medications taken) टेस्ट से पहले डॉक्टर को अपनी मेडिकल कंडीशन और ली जा रही हर तरह की दवा की जानकारी दी जाती है। दरअसल कुछ दवाएं ईसीजी की रीडिंग को प्रभावित कर सकती हैं।
- ढीले ढाले और आरामदायक कपड़े पहनना (Wear loose, comfortable clothing) टेस्ट से पहले मरीज को ढीले ढाले और आरामदायक कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। इससे चेस्ट तक मशीन की एक्सेस आरामदायक हो जाती है।
- मरीज को शांत रहने की हिदायत देना (Try to stay calm) ईसीजी टेस्ट से पहले मरीज को शांत और चिंता न करने की सलाह दी जाती है। दरअसल चिंता और मानसिक उथल पुथल दिल की गति को प्रभावित कर सकती है।
- उपवास (Fasting) कुछ एक मामलों में मरीज को टेस्ट से पहले भूखा रहने की सलाह दी जाती है। हालांकि ऐसा बहुत ही कम होता है।
ईसीजी टेस्ट की सीमाएं क्या हैं? (What Are the Limitations of an ECG Test?)
अपनी योग्यता और उपयोगिता के बावजूद ईसीजी टेस्ट करने की कुछ सीमाएं है। ईसीजी टेस्ट करते समय इन कारकों पर ध्यान देना पड़ता है –
- ईसीजी केवल एक पल में दिल की गतिविधि दिखाती है।
- कुछ खास मेडिकल कंडीशन जैसे एपिसोडिक, अतालता (arrhythmias), हार्ट में ब्लॉकेज ईसीजी टेस्ट के दौरान दिखाई नहीं देती हैं और ये छूट जाती हैं।
- मोटापा, चेस्ट का साइज, टेस्ट के समय शरीर की एक्टिविटी और इलेक्ट्रोड यानी चिप का गलत प्लेसमेंट ईसीजी के रिजल्ट को प्रभावित कर सकता है।
- ईसीजी टेस्ट के जरिए दिल की सभी कंडीशन की जांच नहीं की जा सकती है, जैसे स्ट्रक्चरल हार्ट इशूज (structural heart issues), ब्लड फ्लो ब्लॉकेज (blood flow blockages) आदि। इन सभी के लिए अलग से टेस्ट की जरूरत पड़ती है।
- ईसीजी टेस्ट के रिजल्ट को डिटेल में देने के लिए एक्सपर्ट्स प्रोफेशनलों की जरूरत पड़ती है क्योंकि इसकी डिटेंलिंग बहुत कठिन होती है।
अगर किसी मरीज के दिल की लय और रिदम असामान्य है या दिल संबंधी कोई दिक्कत है तो सटीक हार्ट स्क्रीनिंग के लिए डॉ लाल पैथलेब्स में टेस्ट बुक करना चाहिए। ध्यान रहे टेस्ट से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूरी है।
FAQs
1. ईसीजी की सामान्य सीमा क्या है|
एक सामान्य ईसीजी टेस्ट स्टेंडर्ड रेंज के भीतर तरंग के साथ नियमित हार्ट बीट (60-100 धड़कन प्रति मिनट) दिखाता है।
2. ईसीजी के क्या उपयोग हैं|
ईसीजी ईसीजी असामान्य हार्ट रिदम का पता लगाता है, हार्ट की डेमेज की पहचान करता है। इसके अलावा खऱाब ब्लड फ्लो की जांच करता है। इसके अलावा सर्जरी से पहले औऱ सर्जरी के बाद दिल के कामकाज और उसकी कंडीशन का पता लगाता है।







