पेट का संक्रमण : लक्षण, कारण और उपचार
- 8 Jun, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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अक्सर हम यह सोचने लग जाते हैं कि आखिर पेट में दर्द और बुखार क्यों होता है ? हो सकता है यह उदर रोग (stomach disease) के लक्षण हो | पेट का संक्रमण यानी इंफेक्शन (Stomach Infections) बैक्टीरिया, परजीवीयों और वायरस के चलते होने वाला ऐसा इंफेक्शन है जो पेट की परत और आंतों पर बुरा असर डालता है। इससे उल्टी, दस्त, पेट में दर्द और बुखार जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं। पेट का इंफेक्शन काफी आम बीमारी है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि पेट के संक्रमण के ज्यादातर मामले गंभीर नहीं माने जाते हैं और कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर संक्रमण गंभीर हो जाए तो शरीर के दूसरे अंगों के कामकाज पर भी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि पेट के संक्रमण के कारणों और लक्षणों को समझ कर इसका सही उपचार किया जाए ताकि आगे जाकर पेट की सेहत सही बनी रहे। इस लेख मे जानते हैं कि पेट का संक्रमण क्या है औऱ इसके लक्षण (पेट में इंफेक्शन के लक्षण) क्या हैं। साथ ही जानेंगे इसके कारणों और जांच के बारे में सब कुछ।
पेट का संक्रमण क्या है?
पेट का संक्रमण बैक्टीरिया या वारयस के चलते होता है। आम भाषा में इसे स्मटक फ्लू (Stomach Flu) या पेट का कीड़ा भी कहा जाता है। मौसम में बदलाव होने पर जब दूषित भोजन और पानी के जरिए हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस पेट में जाते हैं तो पेट की परत और आंतों पर इसका बुरा असर पड़ता है और आंतों में सूजन (पेट की बीमारियों के नाम) आ जाती है। आंतों में सूजन आने से पाचन तंत्र पर असर पड़ता है और व्यक्ति उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, मतली आदि (पेट में इंफेक्शन के लक्षण) का शिकार हो जाता है। हालांकि पेट में संक्रमण के ज्यादातर कम समय के लिए होते हैं और उचित उपचार के चलते ठीक हो जाते हैं। छोटे बच्चों, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और बुजुर्गों के लिए पेट का संक्रमण ज्यादा लंबे समय तक चलने वाला और ज्यादा गंभीर हो सकता है।
पेट में इंफेक्शन के लक्षण क्या हैं?
पेट में इंफेक्शन लक्षण (stomach infection symptoms) कई तरह से दिखते हैं। ये अलग अलग व्यक्ति पर उम्र और गंभीरता के आधार पर अलग अलग दिखते हैं। पेट में संक्रमण के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –
- दस्त लगना (Diarrhoea) – व्यक्ति को बार बार दस्त आते हैं। मल ढीला और पानीदार आता है। खासतौर पर कुछ खाने के बाद दस्त लगते हैं।
- मतली (Nausea) – व्यक्ति को हर वक्त मतली महसूस होती है।
- उल्टी होना (vomiting) – कुछ खाने पीने के दौरान उल्टी आती है।
- पेट में लगातार दर्द होना (Frequent stomach pain) – व्यक्ति के पेट में लगातार दर्द बना रहता है।
- पेट में जलन महसूस होना (Stomach Buring) – पेट मे जलन महसूस होने लगती है।
- बुखार आना (Fever) – व्यक्ति को तेज या कम बुखार आ सकता है।
- ठंड लगना (Feeling Chill) – शौच से आने के बाद व्यक्ति को तेज ठंड लगती है।
- भूख मर जाना (Loss of appetite) – व्यक्ति की भूख कम हो जाती है।
- पेट फूलना और गैस की समस्या (Bloating or gas) – पेट में अफारा आता है और गैस की समस्या होने लगती है।
- मुंह सूखना (dry mouth) – इस दौरान पानी की कमी से मुंह सूखने लगता है।
- यूरिन कम आना (reduced urination) – व्यक्ति को यूरिन कम आता है।
- थकान महसूस होना (Fatigue or general weakness) – निर्जलीकरण और दस्त के चलते व्यक्ति हर वक्त थकान महसूस करने लगता है।
पेट में संक्रमण के क्या कारण हैं?
पेट में संक्रमण वायरस और बैक्टीरिया के चलते होता है। ये बैक्टीरिया और परजीवी दूषित भोजन और पानी के अलावा गंदे हाथों, खांसने, छींकने और गंदी सतहों पर हाथ रखने के चलते पेट में पहुंच जाते हैं। पेट को संक्रमित करने वाले कीटाणु तीन प्रकार के होते हैं।
- वायरस (Viruses) – वायरस पेट के संक्रमण का सबसे आम कारण कहे जाते हैं। इनमें नोरो वायरस (norovirus) और रोटा वायरस (rotavirus) सबसे एक्टिव कहे जाते हैं। ये वायरस स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और अस्पताल जैसी सावर्जनिक जगहों पर आसानी से और तेजी से फैलते हैं।
- बैक्टीरिया (Bacteria) – पेट के संक्रमण के लिए बैक्टीरिया जैसे ई कोली (E. coli), साल्मोनेला (Salmonella) और शिगेला (Shigella) जैसे बैक्टीरिया जिम्मेदार कहे जाते हैं ये बैक्टीरिया दूषित भोजन और दूषित पानी के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंचकर संक्रमण फैलाते हैं।
- परजीवी (Parasites) – हालांकि परजीवी पेट का संक्रमण फैलाने में कम योगदान करते हैं लेकिन कम सफाई वाले क्षेत्रों में इनकी वजह से पेट के संक्रमण होते हैं। जैसे गियार्डिया (Giardia) जैसे परजीवी गंदे पानी के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। ये परजीवी तब फैलते है जब लोग गंदे माहौल में बने भोजन और दूषित पानी का सेवन करते हैं। इसके अलावा शौच से पहले सही तरीके से हाथ न धोने की आदत और भोजन से पहले हाथ साफ न करने की आदत भी इन परजीवियों के फैलने का एक बहुत बड़ा कारण है।
पेट के संक्रमण की जांच किस तरह की जाती है?
अगर पेट के संक्रमण के लक्षण लगातार बने रहें या गंभीर होने लगें तो इसकी सटीक जांच करवाना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। पेट के संक्रमण की पहचान के लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं जो इस प्रकार हैं –
- स्टूल कल्चर (Stool Culture) – स्टूल कल्चर के जरिए मरीज के मल के सैंपल में बैक्टीरिया की मौजूदगी की पहचान की जाती है।
- रोटावायरस और एडेनोवायरस टेस्ट (Rotavirus and Adenovirus Test) – रोटावायरस और वायरल इंफेक्शन का पता लगान के लिए किया जाता है।
- एच पाइलोरी टेस्ट (H. pylori Test) – एच पाइलोरी टेस्ट के जरिए पेट में संक्रमण के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की जांच की जाती है। बैक्टीरिया का संक्रमण पेट की परत पर बुरा असर डालता है जिससे अल्सर का रिस्क पैदा हो सकता है।
- बायोफायर जीआई पैनल (Biofire GI Panel) – बायोफायर जीआई पैनल एक डिटेल टेस्ट है जो एक ही बार में पेट के संक्रमण के लिए जिम्मेदार कई तरह के बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी की एक साथ जांच कर सकता है।
पेट का संक्रमण यूं तो कुछ दिनों में ठीक हो जाता है लेकिन इसके गंभीर होने पर पेट से जुड़ी कई परेशानियां सिर उठा सकती हैं। अगर किसी व्यक्ति में पेट के संक्रमण से जुड़े लक्षण (पेट में इंफेक्शन के लक्षण)दिख रहे हैं तो डॉक्टरी परामर्श के बाद स्टूल कल्चर, एच. पाइलोरी एंटीजन और गियार्डिया एंटीजन टेस्ट के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैडयूल बुक करवाना चाहिए। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
Q1. पेट का संक्रमण कितने दिनों तक रहता है?
आमतौर पर पेट के संक्रमण के अधिकतर मामले तरल पदार्थ, संतुलित आहार और आराम के बाद दो से पांच दिन के भीतर ठीक हो जाते हैं। हालांकि कुछ मामले लंबे समय तक चलते हैं औऱ उनके लिए सही उपचार काफी जरूरी माना जाता है।
Q2. पेट में संक्रमण के मामले में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
पेट में संक्रमण के लक्षण अगर चार पांच दिनों से ज्यादा समय तक बने रहते हैं तो डॉक्टरी परामर्श करना चाहिए, अगर मरीज के शरीर में तेज बुखार, मल में खून आ रहा है या फिर डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं तो पेट में संक्रमण से संबंधित टेस्ट करवाने चाहिए।






