प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट – प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करवाना चाहिए
- 9 Jun, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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प्रेग्नेंसी (Pregnancy) यानी गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए ऐसा समय होता है जब उसकी सेहत के साथ साथ होने वाले बच्चे की सेहत भी काफी मायने रखती है। प्रेग्नेंसी के दौरान मां और बच्चे की सेहत की संपूर्ण निगरानी के लिए प्रेग्नेंसी के पूरे नौ महीनों के दौरान (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) कई तरह के ब्लड टेस्ट (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट) किए जाते हैं जिनसे प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली संभावित परेशानियों का पता चल सके और डिलीवरी स्वस्थ और सुनिश्चित हो सके। प्रेग्नेंसी के दौरान चूंकि मां के पेट में एक बच्चे का भी पोषण होता है, इसलिए इस दौरान मां के शरीर में पर्याप्त ब्लड (प्रेग्नेंसी में ब्लड कितना होना चाहिए) होना चाहिए। अधिकतर लोग नहीं जानते है कि प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए। चलिए इस लेख में जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में कितना ब्लड होना चाहिए और प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करवाना चाहिए। साथ ही जानेंगे प्रेग्नेंसी के दौरान कौन कौन से ब्लड टेस्ट (pregnancy blood test) किए जाते हैं और उनका क्या महत्व है।
प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करवाना चाहिए?
किसी महिला के गर्भवती होने पर प्रेग्नेंसी की पुष्टि करने के लिए दो तरह के टेस्ट किए जाते हैं। पहला है यूरिन टेस्ट और दूसरा है प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट (ब्लड टेस्ट से प्रेग्नेंसी का पता चलता है)। इन दोनों ही टेस्ट के जरिए प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जाता है। आमतौर पर पीरियड छूटने के सात से दस दिन बाद प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) किया जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि पीरियड मिस होने के दो सप्ताह के बाद प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट में अगर एचसीजी का स्तर ज्यादा आता है तो ये प्रेग्नेंसी की पुष्टि होती है। प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट को अस्पताल या क्लीनिक में करवाया जाता है। यहां महिला के ब्लड का सैंपल लेकर प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जाता है।
प्रेग्नेंसी यूरिन टेस्ट कैसे किया जाता है?
प्रेग्नेंसी यूरिन टेस्ट (यूरिन टेस्ट कब करना चाहिए) के जरिए भी प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जाता है। प्रेग्नेंसी यूरिन टेस्ट को घर पर आसानी से किया जा सकता है। मेडिकल स्टोर में मिलने वाली प्रेग्नेंसी किट की मदद से प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जाता है। हालांकि इसके बाद भी प्रेग्नेंसी की सटीक पुष्टि करने के लिए प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए?
अक्सर देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को खूब भूख लगती है और उसे खाने के लिए ढेर सारे पोषक आहार भी दिए जाते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में भरपूर ब्लड होना चाहिए। लेकिन अक्सर लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में ब्लड की जरूरत 20 से 30 फीसदी बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर 11 ग्राम/डीएल से ऊपर होना चाहिए। हालांकि कुछ मामलों में प्रेग्नेंट महिला के शरीर में ब्लड 10.5 ग्राम/डीएल तक भी सामान्य ही माना जाता है। लेकिन इतना तय है कि अगर इससे कम खून होता है तो महिला को एनीमिया का खतरा हो सकता है और होने वाले बच्चे के विकास पर भी इसका बुरा असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान मां के साथ साथ बच्चे को भी पर्याप्त पोषण की जरूरत होती है इसलिए इस दौरान प्रेग्नेंट महिला के शरीर में सामान्य ब्लड 11 से 15 ग्राम/डीएल सही होता है।
प्रेग्नेंसी में ब्लड कितना होना चाहिए?
पहली तिमाही – 11 ग्राम/डीएल या इससे ज्यादा
दूसरी तिमाही – 10.5 ग्राम/डीएल या इससे ज्यादा
तीसरी तिमाही – 11 ग्राम/डीएल या इससे ज्यादा
पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान – 11 से 15 ग्राम/डीएल के बीच
आपको बता दें कि अगर प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में ब्लड सामान्य मात्रा से कम होता है तो महिला एनीमिया का शिकार हो सकती है। एनीमिया के दौरान शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और शरीर के सामान्य कामकाज पर बुरा असर पड़ता है। एनीमिया के लक्षणों में थकान, चक्कर, कमजोरी, त्वचा पर पीलापन, सांस लेने में दिक्कत होना और दिल की धड़कन तेज होना शामिल है।
प्रेग्नेंसी के दौरान किए जाने वाले ब्लड टेस्ट कौन कौन से हैं?
प्रेग्नेंसी पीरियड में जेनेटिक स्थितियों का पता लगाने के लिए दो प्रकार के टेस्ट करवाए जाते हैं। इसमें पहला है स्क्रीनिंग टेस्ट (Screening tests) और दूसरा है डायग्नोस्टिक टेस्ट (Diagnostic tests)।
स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिए मां के पेट पल रहे भ्रूण में जेनेटिक कंडीशन औऱ संभावित जन्मदोषों के डेवलप होने की संभावनाओं का आकलन किया जाता है। इसके तहत कुछ सामान्य ब्लड टेस्ट (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट) इस प्रकार हैं –
- आरएच फैक्टर ब्लड टेस्ट (Rh Factor Blood Test):- आरएच फैक्टर के तहत मां औऱ बच्चे के आरएच फैक्टर के बीच असंगति की जांच करने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।
- मेटरनल सीरम स्क्रीनिंग (Maternal Serum Screening):– इस टेस्ट की मदद से प्रेग्नेंसी के 11वें हफ्ते में (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) पेट में पल रहे भ्रूण के शरीर में संभावित जीन और उनके क्रोमोसोम का पता लगाया जाता है।
- प्रेग्नेंसी से संबंधित प्लाज्मा प्रोटीन ए:- (Pregnancy-associated Plasma Protein A ) – इस टेस्ट के जरिए शरीर में क्रोमोसोमल यानी जीन के गुणसूत्र से संबंधित असमान्यताओं जैसे डाउन सिंड्रोम (Down Syndrome) और दूसरी कई जटिलताओं का पता लगाया जाता है।
- क्वाड मार्कर स्क्रीनिंग (Quad Marker Screening):- क्वाड मार्कर टेस्ट प्रेग्नेंसी के 15 से 22वें हफ्ते के बीच (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) में किया जाता है। इस टेस्ट में मां के खून में पाए जाने वाले उन चार मार्करों की पहचान की जाती है जो क्रोमोसोमल असामान्यताओं की वजह बन सकते हैं।
- नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग (Non-Invasive Prenatal Testing -NIPT):– नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग के जरिए होने वाली मां और भ्रूण के खून के डीएनए का संपूर्ण विश्लेषण किया जाता है। इस टेस्ट को प्रेग्नेंसी के दसवें हफ्ते (прेग्नेन्सी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) में किया जाता है।
- सीबीसी यानी फुल ब्लड काउंट (Full Blood Count):– प्रेग्नेंसी में मां का फुल ब्लड काउंट (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट) होता है। इस ब्लड टेस्ट के जरिए मां के खून (प्रेग्नेंसी में ब्लड कितना होना चाहिए) में पाए जाने वाले सभी तत्वों का मूल्याकंन होता है। इन तत्वों में लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स शामिल हैं। इस टेस्ट से ये पता चलता है कि कहीं मां को एनीमिया (प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए), ब्लड क्लॉटिंग या फिर कोई ब्लड रिलेटेड कोई इंफेक्शन तो नहीं है। ये टेस्ट प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) में किया जाता है।
सुरक्षित प्रेग्नेंसी के लिए समय समय पर सभी ब्लड टेस्ट (प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट कब करना चाहिए) को समझना और उन्हें सुनिश्चित करवाना मां और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। डॉक्टरी परामर्श के बाद प्रेग्नेंसी के पीरियड की संपूर्ण निरगनी और प्रेग्नेंसी ब्लड टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलेब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
क्या ब्लड टेस्ट से प्रेग्नेंसी का पता चलता है?
Does a blood test detect pregnancy?
हां, किसी महिला के पीरियड छूटने के दो सप्ताह के बीच प्रग्नेंसी ब्लड टेस्ट से प्रेग्नेंसी का पता चलता है। इस टेस्ट में ब्लड का सैंपल लेकर प्रेग्नेंसी की पुष्टि की जाती है।
प्रेग्नेंट महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए?
How much blood should be in a pregnant woman’s body
प्रेग्नेंट महिला के शरीर में 11 ग्राम/डीएल से ज्यादा खून होना चाहिए। अगर प्रेग्नेंट महिला के शरीर में ब्लड सामान्य मात्रा से कम होता है तो उसे एनीमिया और दूसरी दिक्कतें हो सकती हैं।








