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बरसात के मौसम में फंगल संक्रमण से बचाव के उपाय

Medically Approved by Dr. Seema

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फंगल संक्रमण

कई महीनों की तेज गर्मी के बाद बरसात का मौसम (rainy season) काफी सकून लाता है क्योंकि इस मौसम में गर्मी की तपिश से राहत मिल जाती है। लेकिन इस दौरान होने वाला आम फंगल संक्रमण (fungal infection) सेहत से जुड़े कई तरह के रिस्क भी साथ लाता है। मानसून का मौसम फंगल इंफेक्शन (fungal infection in hindi) के लिए अनुकूल माहौल बनाता है जिसमें लंबे समय तक नमी बने रहने की वजह से पसीने का संक्रमण और त्वचा से संबंधित कई परेशानियां लोगों को अपना शिकार बनाती हैं। आद्रता यानी ह्यूमिडी का बढ़ता स्तर और ज्यादा नमी फंगल (fungus kya hota hai) को पनपने का मौका देती है। ऐसे में फंगल इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ जाते हैं और इस संक्रमण से बचाव के लिए सटीक रोकथाम काफी महत्वपूर्ण साबित होती है। फंगल इंफेक्शन की रोकथाम के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ साथ त्वचा की अतिरिक्त देखभाल करने की जरूरत होती है। इस लेख में जानते हैं कि फंगल इंफेक्शन (fungal infection in hindi) क्या है और इससे रोकथाम के लिए क्या क्या तरीके अपनाए जा सकते हैं।

 

फंगल इंफेक्शन क्या है ?

फंगल इंफेक्शन (fungal infection in hindi) फंगस और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियां हैं। त्वचा और नाखूनों का फंगल इंफेक्शन सबसे आम कहा जाता है। लेकिन फंगल इंफेक्शन मुंह, गले (गले में फंगल संक्रमण), फेफड़ों, बगल के साथ साथ शरीर के कई अंगों में हो सकता है। ज्यादा नमी और ह्यूमिडी के चलते शरीर के कई फंगल इंफेक्शन इतने गंभीर हो जाते हैं त्वचा संबंधित एलर्जी का कारण बन सकते हैं। यूं तो फंगल इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है लेकिन कमजोर इम्यून सिस्टम यानी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को ये ज्यादा शिकार बनाता है। कई बार कुछ मेडिकल स्थितियां और दवाएं भी फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकती हैं।

 

फंगल इंफेक्शन कितने प्रकार का होता है?

फंगल इंफेक्शन दाद, खाज और खुजली के रूप में दिखता है। इसके अलावा एथलीट फुट और यीस्ट के रूप में भी ये नजर आता है। नाखूनों का फंगल इंफेक्शन नाखूनों की सतह को प्रभावित करता है जिससे नाखून मोटे, पीले और भुरभुरे होने लगते हैं। फंगल इंफेक्शन बालों में भी होता है और ये बालों को कमजोर करके बालों के गिरने का कारण बन जाता है। फेफड़े और मुंह (गले में फंगल संक्रमण) के साथ साथ योनि यानी वजाइन् का भी फंगल इंपेक्शन गंभीर हो सकता है। इसके अलावा त्वचा के इंफेक्शन को सबसे आम फंगल इंफेक्शन कहा जाता है। त्वचा पर खुजली, लाल और सफेद धब्बे, लाल चकत्ते, घमोरियों के साथ साथ त्वचा का फटना और सूजन भी फंगल इंफेक्शन की श्रेणी में आता है।

 

मानसून के दौरान फंगल इंफेक्शन से बचाव कैसे किया जा सकता है?

मानसून के दौरान फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव के साथ साथ स्वच्छता से जुड़े कुछ उपाय काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। फंगल इंफेक्शन के रिस्क को कम करने के लिए यहां कुछ तरीके बताए जा रहे हैं।

 

  1. व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें (Maintain Personal Hygiene) – फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए पर्सनल हाइजीन यानी व्यक्तिगत स्वच्छता काफी जरूरी है। इसके लिए शरीर को पसीने से बचाकर रखें। हवादार जगह पर रहें। शरीर पर अतिरिक्त तेल, गंदगी और पसीने को साफ करने के लिए रोज साबुन से नहाएं। शरीर के सेंसेटिव अंगों जैसे बगल, पैरों आदि की सफाई का खास ध्यान रखें।
  2. ढीले और हवादार कपड़े पहनें (Wear Breathable Clothes) – मानसून के मौसम में तंग और सिंथेटिक कपड़ों की वजह से पसीना आता है और फंगल इंफेक्शन का खतरा होता है। ऐसे में कोशिश करें कि हवादार और ढीले ढाले कपड़े पहनें। ऐसे में सूती कपड़े पहनने से काफी फायदा होता है।
  3. पैरों की खास देखभाल करें (Practice Foot Care)– मानसून के मौसम में सबसे ज्यादा पैरों में फंगल इंफेक्शन का हमला होता है। इसलिए इस दौरान पैरों और पैरों की उंगलियों को खास तौर पर सूखा और साफ रखें। पैरों में हवा के सही सर्कुलेशन के लिए खुले मुंह वाले जूते और सैंडल पहनें।
  4. निजी चीजों को दूसरों के साथ शेयर न करें (Avoid Sharing Personal Items) – अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, मोजे, जूते, कंघी और कॉस्मेटिक चीजों को दूसरों के साथ शेयर करने से बचें। ये सभी चीजें फंगल इंफेक्शन को न्यौता देती हैं।
  5. आस पास सफाई बनाकर रखें (Keep the Surroundings Clean) – अपने घर के अंदर और आस पास की जगह पर सफाई बनाए रखें। किचन, बाथरूम और ऐसी जगहें जहां नमी पनपती है, वहां कीटाणुरहित माहौल बनाएं। ऐसी जगहों पर सूखा और स्वस्छ बनाए रखें।
  6. नंगे पैर चलने से बचें – बरसात के मौसम में नंगे पैर चलने से बचना चाहिए। इस दौरान स्विमिंग पूल, पार्क, लॉकर रूम जैसे पब्लिक प्लेसेज पर सतह गीली होने के चलते पैरों में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

 

देखा जाए तो बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन बहुत ही आम समस्या है। हालांकि जीवनशैली में स्वस्थ बदलाव करके, साफ सफाई की आदतों को अपनाकर इस इंफेक्शन से बचाव किया जा सकता है, जैसे हवादार कपड़े पहनना, नंगै पैर न चलना, गीली सतहों से बचाव करना और अपना आस पास स्वच्छता बरतना। इन उपायों के जरिए मानसून के मौसम में फंगल इंफेक्शन से बचाव (फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है)करके त्वचा औऱ शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण के दिखने पर डॉक्टरी परामर्श करें। डॉक्टरी परामर्श के बाद डॉ. लाल पैथलैब्स में टेस्ट बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलेब्स का ऐप डाउनलोड करें।

 

FAQ

 

बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन के केस अचानक कैसे बढ़ जाते हैं?

बरसात का मौसम फंगल इंफेक्शन के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करता है। इस मौसम में जूतों, कपड़ों और त्वचा की परतों में आसानी से नमी (fungus kya hota hai) फंस जाती है जिससे फंगल इंफेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।

 

क्या फंगल इंफेक्शन संक्रामक होता है?

हां, कुछ फंगल इंफेक्शन संक्रामक हो सकते हैं। जैसे दाद। ये इंफेक्शन सीधे संपर्क और इंफेक्टेड सरफेस को छूने से आसानी से फैलने लगता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि बरसात के मौसम में सार्वजनिक जगहों पर सतहों को छूने से बचना चाहिए और दूसरों के साथ अपनी व्यक्तिगत चीजों को शेयर करने से बचना चाहिए।

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