डायरिया- कारण, लक्षण, जांच, बचाव और उपचार
- 5 Dec, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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डायरिया (Diarrhoea) यानी दस्त ऐसी स्थिति है जब पतला मल (loose and watery stool) बार बार आता है। डायरिया यूं तो हर मौसम में होता है लेकिन गर्मियों और बरसात के मौसम में इसका ज्यादा कहर छाता है। शरीर में वायरस संक्रमण और बैक्टीरिया का हमला डायरिया के सबसे आम कारण हैं। डायरिया वयस्कों के साथ साथ बच्चों में भी आम बीमारी है। यूं तो डायरिया कुछ दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन अगर ये लंबे समय तक रहे तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है और शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। ऐसे में शरीर कई गंभीर स्थितियों का शिकार हो सकता है जिसके लिए इलाज की जरूरत पड़ती है। चलिए इस लेख में जानते हैं कि डायरिया क्यों होता है और इसके लक्षण क्या हैं। साथ ही जानेंगे इसकी जांच के साथ साथ इससे बचाव के तरीके और उपचार के बारे में सब कुछ। सटीक मेडिकल जांच और हेल्थ से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए डॉ. लाल पैथलेब्स का ऐप डाउनलोड कीजिए।
डायरिया क्या है?
डायरिया में शरीर बार बार पतले और पानी जैसे मल का त्याग करता है। मरीज को दिन में तीन या उससे ज्यादा बार मल त्याग आता है। देखा जाए तो डायरिया की स्थिति बैक्टीरियल संक्रमण, फूड पॉइजनिंग या डाइजेशन संबंधी दिक्कतों का लक्षण हो सकती है। डायरिया अगर लबे समय तक रहे तो शरीर में पानी के साथ साथ दूसरे पोषक तत्वों की भी कमी हो जाती है। आमतौर पर डायरिया कम दिन चलने वाली स्थिति है और लक्षणों की पहचान करके इसे मैनेज करना आसान हो जाता है। डायरिया ऐसी आम बीमारी है जो हर उम्र के व्यक्ति को कभी भी प्रभावित कर सकती है।
डायरिया के क्या कारण हैं?
डायरिया का मुख्य कारण यूं तो वायरस को माना जाता है। ऐसा वायरस जो सीधे तौर पर आंतों की सेहत को प्रभावित करता है। इसके अलावा डायरिया के अन्य कारण भी हो सकते हैं जो इस प्रकार हैं –
- इंफेक्शन (Infections)– वायरस यानी संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया या परजीवी शरीर में घुसकर डाइजेशन को खराब कर डालते हैं जिससे डायरिया होता है।
- फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) – दूषित भोजन और पानी के सेवन के चलते शरीर फूड पॉइजनिंग का शिकार हो जाता है। ऐसे में डायरिया हो जाता है।
- दवाएं (Medications) – कुछ दवाएं भी अपने साइड इफेक्ट के तौर पर डायरिया का कारण बन जाती हैं।
डायरिया के लक्षण कैसे होते हैं?
अगर कोई व्यक्ति दिन में तीन बार से ज्यादा मल त्याग कर रहा है और मल पानीदार है तो ये डायरिया का सबसे बड़ा लक्षण है। डायरिया के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –
- पतले दस्त आना (watery stool)
- दस्त में खून आना (blood in stool )
- तीन या उससे ज्यादा बार मल आना (Three time or more frequent passage of stool)
- ब्लोटिंग यानी पेट फूलना (Bloating)
- जी मिचलाना (Nausea)
- बार बार मल त्याग का प्रेशर महसूस होना (Urgent need to pass stools)
- उल्टी महसूस होना (vomiting)
- बुखार आना (Fever)
- पेट में ऐंठन महसूस होना (Cramps in Stomach)
- बार बार प्यास महसूस होना (Feel Thrust)
- थकान हावी होना (feeling tired)
- चक्कर आना (Dizziness)
- भूख में कमी आना (loss of appetite)
डायरिया की जांच किस तरह होती है?
डॉक्टर मरीज के लक्षणों की पहचान करके डायरिया की जांच की सलाह दे सकता है। डायरिया की जांच के लिए ब्लड टेस्ट (Blood Test) और स्टूल टेस्ट (Stool Test) किया जाता है। इन दोनों टेस्ट की मदद से शरीर में बैक्टीरियल इंफेक्शन की जांच की जाती है। इसके अलावा हाइड्रोशन टेस्ट (hydrogen test) शरीर में लैक्टोज (lactose intolerance) और फ्रुक्टोज इनटॉलरेंस (fructose intolerance) की जांच में मददगार साबित होता है। इसके अलावा एंडोस्कोपी (endoscopy of the digestive tract ) डाइजेस्टिव सिस्टम में डायरिया के कारणों का पता लगाती है।
डायरिया से बचाव कैसे किया जा सकता है?
डायरिया एक आम और हल्की बीमारी के तौर पर देखा जाता है। हाइजीन अपनाने के साथ साथ स्वच्छ भोजन और स्वच्छ आदतों का पालन करके इससे बचाव किया जा सकता है। इसकी रोकथाम के कुछ तरीके इस प्रकार हैं –
- समय समय पर हाथ धोते रहें – कोशिश करें कि शौचालय से आने के बाद और भोजन करने से पहले हाथ जरूर धोएं। इसके अलावा बाहर से घर लौटने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोने चाहिएं।
- भोजन बनाने से पहले भी हाथों को साबुन से धोएं। इसके साथ भोजन बनाने का स्थान भी साफ सुथरा होना चाहिए।
- भोजन पकाने से पहले फल औऱ सब्जियों को अच्छी तरह साफ करें।
- बासी भोजन का सेवन न करें।
- भोजन को सही तापमान पर पकाएं और सही तापमान पर स्टोर करें ताकि वो खराब न हो सके।
- कच्चे फल और सब्जियों का सेवन न करें।
- अगर घर से बाहर हैं या फिर यात्रा पर हैं तो हैंड सेनिटाइजर का प्रयोग जरूर करें। ये हाइजीन के साथ 6। साथ कई तरह के इंफेक्शन से बचाव कर सकता है। यात्रा करते समय बाहर खुले में बन रही खाने पीने की चीजों का सेवन न करें।
- साफ पानी का सेवन करें। कोशिश करें कि बोतलबंद या उबला हुआ पानी पिएं।
- घर और आस पास सही सीवेज व्यवस्था सुनिश्चित करें।
- सही तरह से शौचालय सुविधाओं का उपयोग करें।
- डायरिया से बचाव के लिए रोटावायरस वैक्सीन लगवाएं।
डायरिया का मैनेजमेंट कैसे किया जा सकता है?
यूं तो डायरिया आम बीमारी है लेकिन अगर ये लंबे समय तक बनी रहे तो खतरनाक हो जाती है। ऐसे में आप लाइफस्टाइल संबंधी अच्छी और स्वस्छ आदतें अपनाकर डायरिया को मैनेज कर सकते हैं।
- पर्याप्त पानी पीते रहें।
- अधपके और कच्चे मांस और मछली का सेवन न करें।
- डेयरी उत्पादों का ज्यादा सेवन न करें।
- कैफीन और शराब के सेवन से बचें।
- अपनी डाइट में लो फाइबर फूड शामिल करें।
- अपनी डाइट में सेमी सॉलिड यानी आधे ठोस पदार्थों को शामिल करें।
- वसायुक्त भोजन से परहेज करें।
देखा जाए तो डायरिया ऐसी आम बीमारी है जो अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक हो जाती है। हाइजीनिक आदतों और हेल्दी डाइट को अपनाकर इसकी रोकथाम की जा सकती है। लेकिन अगर सही समय पर डायरिया का उपचार न किया जाए तो ये कई गंभीर दिक्कतों का कारण बन सकता है जैसे किडनी फेलियर,स्ट्रोक, दिल का दौरा आदि। अगर किसी व्यक्ति में डायरिया के लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। सलाह के बाद ब्लड टेस्ट और स्टूल टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलेब्स का ऐप>} डाउनलोड करें।
FAQ
- डायरिया के दौरान आहार कैसा होना चाहिए
डायरिया के दौरान हल्का, ताजा औऱ सुपाच्य भोजन करना चाहिए। ऐसा भोजन जिसे आसानी से पचाया जा सके। इस दौरान अच्छी तरह पकी हुई सब्जियां, सूप, दलिया, मसले हुए आलू, आदि का सेवन किया जा सकता है। - क्या डायरिया के दौरान दूध अच्छा है
गंभीर डायरिया के दौरान दूध और डेयरी प्रोडक्ट जैसे पनीर औऱ दही आदि से बचना चाहिए।





