मासिक चक्र क्या है? इसके कारण, प्रक्रिया और जरूरी तथ्य
- 17 Aug, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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मासिक चक्र (periods meaning in hindi) महिलाओं के शरीर में होने वाली एक नैचुरल यानी प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महीने होती है। मासिक चक्र को मेंस्ट्रुएशन और पीरियड (period in hindi) भी कहते हैं। हर महीने होने वाली ये प्रक्रिया महिला को गर्भधारण के लिए तैयार करती है। पीरियड्स (menstruation meaning in hindi) तब होते हैं जब यूट्रस यानी गर्भाशय की परत टूटती है और योनि से रक्तस्राव यानी ब्लीडंग के रूप में बाहर निकलती है। देखा जाए तो पीरियड एक संकेत है कि महिला का शरीर गर्भावस्था के लिए तैयार है।
अगर प्रेग्नेंसी नहीं होती है तो शरीर नैचुरली गर्भाशय की परत को रक्तस्राव के जरिए बहा देता है। इसे इस तरह समझें कि हर महीने महिला के गर्भाशय की परत मोटी होती है ताकि अंडा निषेचित हो जाए तो उसे प्रत्यारोपित करके गर्भधारण हो सके। लेकिन अंडा निषेचित नहीं होता और ये परत टूटकर योनि से खून के रूप में बाहर निकल जाती है। आमतौर पर मासिक चक्र (periods meaning in hindi) 28 दिन का होता है जो शरीर में रिलीज होने वाले हार्मोन द्वारा नियंत्रित किया जाता है। मासिक चक्र 12 से 14 साल की उम्र के बीच शुरू होता है और 45 से 55 साल की उम्र के बीच बंद हो जाता है, जिसे मैनोपॉज कहते हैं। इस लेख में जानेंगे कि मासिक चक्र क्या है (periods meaning in hindi) और क्यों होता है। साथ ही जानेंगे इसके प्रकार के बारे में सब कुछ।
पीरियड क्या होता है?
पीरियड्स यानी मासिक चक्र वो समय है जब मासिक चक्र का खून गर्भाशय से होते हुए योनि के माध्यम से बाहर निकलता है। आमतौर पर पीरियड्स 3 से 7 तक तक चलते हैं लेकिन कई महिलाओं में इनकी अवधि कम या ज्यादा हो सकती है। मासिक चक्र की अवधि 28 दिन से लेकर 35 दिन तक हो सकती है। पीरियड्स के दौरान रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग की मात्रा भी हर महिला में अलग अलग हो सकती है।
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पीरियड क्यों होता है?
पीरियड्स के होने का मुख्य कारण शरीर के हार्मोन हैं। ब्रेन और ओवरी यानी अंडाशय में स्थित पिट्यूबरी ग्लैंड यानी ग्रंथि पीरियड्स के दौरान रुक रुक कर कुछ हार्मोन बनाती और रिलीज करती है। यही हार्मोन गर्भावस्था की तैयारी में गर्भाशय की परत को मोटा करते हैं। इस दौरान ओवरी से एक अंडा रिलीज किया जाता है जो फेलोपियन ट्यूब से होकर गुजरता है। अगर अंडा निषेचित नहीं होता तो गर्भाशय की परत टूट कर खून के रूप में योनि से बाहर निकल जाती है। इस तरह हर माह पीरियड्स शुरु हो जाते हैं।
पीरियड्स के लक्षण क्या हैं?
पीरियड्स (period symptoms in hindi) आने से पहले और पीरियड्स आने के बाद महिलाओं के शरीर में अलग अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। पीरियड्स से जुड़े लक्षण शारीरिक और भावनात्मक भी भी होते हैं। पीरियड्स के लक्षण (period symptoms in hindi) इस प्रकार हैं –
- शारीरिक लक्षण – पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, मांसपेशियों में ऐंठन होना, पेट में ऐंठन महसूस होना, कमर में दर्द होना, सिर में दर्द होना, मुंहासे होना, पेट में सूजन आ जाना, थकान हावी होना, स्तनों में दर्द होना
- भावनात्मक लक्षण – चिंता, उदासी, मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, भूख कम लगना, नींद में कमी आना आदि।
आपको बता दें कि ये सभी लक्षण अस्थाई होते हैं और पीरियड्स से पहले और कुछ समय बाद तक दिखते हैं। पीरियड्स के तीन से चार दिन बाद ये लक्षण अपने आप कम या गायब हो जाते हैं। कुछ महिलाओं के लिए ये लक्षण कम यानी हल्के दिखते हैं और कुछ महिलाओं के लिए ये इतने गंभीर हो जाते हैं कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर डालते हैं।
पीरियड्स से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
मासिक चक्र (periods meaning in hindi) को समझने के लिए पूरी तरह से मासिक चक्र को समझना जरूरी है। मासिक चक्र से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानकर आप इसे आसानी से समझ (periods meaning in hindi) सकते हैं –
- औसत मासिक चक्र लगभग 28 दिनों का होता है। लेकिन कुछ महिलाओं में इसका समय आगे पीछे होना सामान्य माना जाता है।
- मासिक चक्र के दौरान रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग 3 से 7 दिन तक होती है। हालांकि कुछ मामलों में यह कम या ज्यादा समय तक होती है।
- एक पीरियड के दौरान महिला के शरीर से 30 से 80 मिलीलीटर खून रक्तस्राव के जरिए निकल जाता है।
- आमतौर पर मासिक चक्र 12 से 14 साल के बीच में होता है। कुछ मामलों में ये साल कम या ज्यादा हो सकते हैं।
- 45 से 55 साल के बीच आमतौर पर मासिक चक्र बंद हो जाता है। इसे मैनोपॉज कहते हैं औऱ इसके बाद गर्भधारण करना यानी प्रेग्नेंसी कठिन हो जाती है।
अगर किसी महिला को अनियमित पीरियड्स हो रहे हैं या फिर पीरियड्स के लक्षण गंभीर दिख रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टरी परामर्श के बाद मासिक चक्र (periods meaning in hindi) की निगरानी करने के लिए और मासिक चक्र के सही मैनेजमेंट के लिए डायग्नोस्टिक टेस्ट (periods meaning in hindi) करवाना जरूरी माना जाता है। टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स में शैड्यूल बुक करें। शैड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
समय से पहले मासिक चक्र आने का क्या कारण होता है?
समय से पहले मासिक चक्र (period in hindi) आने के कई कारण हैं जैसे जेनेटिक कारण, लाइफस्टाइल संबंधी आदतें और कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे पीसीओएस आदि।
मासिक चक्र की गणना कैसे की जाती है?
मासिक चक्र की गणना करने के लिए अपने पिछले पीरियड्स (menstruation meaning in hindi) के पहले दिन और अगले पीरियड्स के पहले दिन के बीच के दिनों की गणना करनी चाहिए।
मासिक चक्र कितने दिन का होता है?
एक सामान्य मासिक धर्म चक्र 28 दिन का होता है लेकिन कई बार ये 21 से 35 दिनों तक भी हो सकता है।






