क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण, लक्षण और क्रिएटिनिन टेस्ट
- 20 Jul, 2025
- Written by Team Dr Lal PathLabs
Medically Approved by Dr. Seema
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क्रिएटिनिन टेस्ट (creatinine test) ऐसा ब्लड और यूरिन टेस्ट है जिसके जरिए शरीर में क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर जांचा जाता है। क्रिएटिनिन टेस्ट शरीर में किडनी यानी गुर्दे की कार्यक्षमता का आकलन करने के लिए किया जाता है। आपको बता दें कि क्रिएटिनिन एक प्रकार का टॉक्सिन है मांसपेशियों द्वारा बनाया जाता है। किडनी खून को फिल्टर करते समय क्रिएटिनिन को छानकर यूरिन के जरिए बाहर निकाल देती है। अगर शरीर में किडनी की कार्यक्षमता कमजोर है तो क्रिएटिनिन स्तर शरीर में बढ़ने लगता है। क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर दिखाता है कि शरीर में किडनी की समस्या पैदा हो रही है। इस लेख में जानते हैं कि क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण क्या हैं और क्रिएटिनिन के नुकसान क्या हैं। साथ ही जानेंगे क्रिएटिनिन टेस्ट और इसके रिजल्ट के बारे में सब कुछ।
क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण शरीर पर कई तरह से दिखते हैं। क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर होने पर व्यक्ति को थकान होती है। इसके अलावा क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण में सूजन, उल्टी, मतली, सांस लेने में दिक्कत, त्वचा पर खुजली, यूरिन में बदलाव आदि होते हैं।
क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण और नुकसान क्या हैं?
क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण कई हैं जिसमें सबसे प्रमुख किडनी की सेहत है। क्रिएटिनिन बढ़ने के कारणों में किडनी की बीमारी, क्रोनिक किडनी रोग, किडनी की पथरी, किडनी का संक्रमण, डायबिटीज हाई बीपी और मांसपेशियों में चोट या दिक्कत शामिल है। कुछ दवाएं भी क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण में गिनी जाती हैं।
वहीं अगर क्रिएटिनिन के नुकसान की बात करें तो किडनी की कार्यक्षमता का कमजोर होना एक मुख्य नुकसान है। क्रिएटिनिन का स्तर खतरनाक होने पर किडनी ठीक से फिल्टर का काम नहीं कर पाती है। व्यक्ति थकान और कमजोरी महसूस करता है। भूख न लगना, उल्टी, हाई बीपी, सांस लेने में तकलीफ और त्वचा पर खुजली क्रिएटिनिन के नुकसान में गिने जाते हैं।
क्रिएटिनिन टेस्ट क्या है?
क्रिएटिनिन एक प्रकार का रसायनिक यौगिक यानी कैमिकल कंपाउंड है जो मांसपेशियों में एनर्जी बनने की प्रक्रिया के दौरान बनता है। ये एक टॉक्सिन है जिसे किडनी यूरिन के जरिए बाहर निकाल देती है। अगर किडनी स्वस्थ है तो क्रिएटिनिन को कुशलता पूर्वक बाहर निकालना आसान होता है। लेकिन अगर किडनी की क्षमता कमजोर है, किडनी क्षतिग्रस्त है या तनाव में है तो वो सही से काम नहीं कर पाती है और क्रिएटिनिन यूरिन के जरिए बाहर न निकल कर ब्लड स्ट्रीम यानी रक्तप्रवाह में जमा होने लगता है। क्रिएटिनिन टेस्ट के जरिए डॉक्टर खून और यूरिन में क्रिएटिनिन का स्तर जांचते हैं। इस टेस्ट की मदद से किडनी की क्षति के शुरूआती संकेतों का पता लगाने में आसानी होती है। क्रिएटिनिन के जरिए क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) पर नजर रखी जा सकती है। इतना ही नहीं क्रिएटिनिन टेस्ट की मदद से किडनी की संपूर्ण कार्यक्षमता का भी समय समय पर आकलन किया जा सकता है।
क्रिएटिनिन टेस्ट क्यों किया जाता है?
एक व्यक्ति को क्रिएटिनिन टेस्ट की डॉक्टरी सलाह किडनी से जुड़े संकेतों का पता करने के लिए दी जाती है। क्रिएटिनिन टेस्ट की सलाह इन परिस्थितियों में दी जाती है-
- किडनी की कार्यक्षमता का पता करने के लिए
- किडनी की नियमित जांच के लिए
- किडनी में किसी तरह की क्षति का आकलन करने के लिए
- ऐसे लोग जो डायबिटीज या हाई बीपी की समस्या से जूझ रहे हैं, उनकी किडनी के आकलन के लिए
- किडनी पर असर डालने वाली दवाओं के असर की जांच के लिए
- सर्जरी या कीमोथैरेपी की प्रोसेस से पहले किडनी के स्वास्थ्य के आकलन के लिए
- किडनी प्रत्यारोपण यानी किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उसकी कार्यप्रणाली और क्षमता की जांच के लिए
क्रिएटिनिन टेस्ट कैसे किया जाता है?
क्रिएटनिनिन स्तर की जांच के लिए खून और यूरिन का सैंपल लिया जाता है। व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर रिलीज किए गए यूरिन की जानकारी देनी होती है। वहीं ब्लड टेस्ट से कई घंटे पहले फास्टिंग की सलाह दी जाती है।
क्रिएटिनिन टेस्ट के रिजल्ट क्या जानकारी देते हैं?
खून में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर पुरुषों में 0.7-1.3 mg/dL होता है और महिलाओं में ये स्तर 0.59-1.04 mg/dL होता है। अगर शरीर में क्रिएटिनिन स्तर ज्यादा है तो ये रिजल्ट मिलते हैं –
- क्रोनिक किडनी रोग
- डिहाइड्रेशन
- किडनी संक्रमण
- किडनी में रुकावट
- दवाओं का बुरा असर
अगर शरीर में क्रिएटिनिन स्तर सामान्य सीमा से कम है तो ये संकेत मिलते हैं –
- मांसपेशियों में विकार
- एडवांस लिवर डिजीज
- प्रेगनेंसी
- आहार में पोषण की कमी
कई बार लोग किडनी की कमी के शुरुआती लक्षण नजरंदाज कर बैठते हैं। लेकिन क्रिएटिनिन टेस्ट के जरिए किडनी के संपूर्ण स्वास्थ्य की जांच और निगरानी के साथ साथ किडनी की गंभीर दिक्कतों को रोका जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति में क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण दिख रहे हैं या फिर किडनी के स्वास्थ्य की जांच के लिए डॉक्टरी परामर्श के बाद डॉ. लाल पैथलैब्स में क्रिएटनिन टेस्ट या कंप्लीट किडनी फंक्शन टेस्ट बुक करें। टेस्ट का शेड्यूल बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।
FAQ
- क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण शरीर पर कई रूपों में दिखते हैं। थकान, त्वचा पर खुजली, उल्टी मतली, कमजोरी, भूख न लगना और यूरिन में बदलाव क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण हैं। - क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर क्या संकेत देता है?
क्रिएटिनिन का खतरनाक स्तर क्रोनिक किडनी रोग का संकेत देता है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन, किडनी का संक्रमण या रुकावट औऱ दवाओं का बुरा असर भी क्रिएटिनिन के खतरनाक स्तर का संकेत माने जाते हैं।








