logo

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय

Medically Approved by Dr. Seema

Table of Contents

ह्रदय रोग (heart disease) जिसे आम भाषा में दिल की बीमारी भी कहा जाता है, दिल को प्रभावित करने वाली कई स्थितियों के रूप में देखी जाती है। खासतौर पर महिलाओं में ह्रदय रोग मौत के जोखिम को बढ़ा देता है। वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में औरतों की मृत्यु के मुख्य कारणों में ह्रदयाघात यानी हार्ट अटैक (Heart Attack) भी शामिल है। इसकी एक बड़ी वजह ये है कि महिलाओं में ह्रदय रोग के लक्षण पुरुषों में दिखाई देने वाले ह्रदय रोग के लक्षणों से अलग दिखते हैं। ऐसे में अक्सर महिलाओं में ह्रदय रोग के लक्षण गलत जांच का शिकार हो जाते हैं। महिलाओं में ह्रदय रोग के लक्षणों की सही समय पर सटीक पहचान के जरिए महिलाएं ह्रदय रोग से बचाव कर सकती हैं। इसके साथ साथ ह्रदय रोग के लक्षणों को समय रहते संभाल कर ह्रदय रोग (हृदयाघात के इलाज के बारे में जानकारी) का सही मैनेजमेंट भी किया जा सकता है। इस लेख में जानते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण किस तरह दिखते हैं। साथ ही जानेंगे हार्ट अटैक के रिस्क और इसके मैनेजमेंट के बारे में सब कुछ।

 

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और चेतावनी संकेत किस तरह दिखते हैं?

जैसा कि आप जानते हैं कि हार्ट अटैक के लक्षण महिलाओं और पुरुषों में अलग अलग होते हैं। लेकिन कुछ ह्रदय संबंधी लक्षण महिलाओं और पुरुषों में एक जैसे दिखते हैं। ये लक्षण हार्ट अटैक से पहले चेतावनी संकेत की तरह काम करते हैं। हालांकि महिलाओं में हार्ट अटैक के कुछ लक्षण ज्यादा दिखते हैं जो इस प्रकार हैं –

 

  1. सीने में जलन
  2. मतली का अनुभव
  3. चिंता और तनाव
  4. अपच का अहसास
  5. सांस लेने में दिक्कत महसूस होना
  6. पीठ के ऊपरी हिस्से में दबाव और दर्द महसूस होना
  7. बिना ज्यादा मेहनत या काम के थकान हावी रहना
  8. एक हाथ या फिर दोनों हाथों में दर्द होना
  9. एकाएक पसीना आना
  10. जबड़े में दर्द होना
  11. कंधे में दर्द होना
  12. उल्टी आना
  13. सीने में दबाव महसूस होना
  14. सिर में दर्द
  15. चक्कर आना

 

महिलाओं में हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर क्या हैं?

महिलाओं में हार्ट अटैक के रिस्क कई कारणों से बढ़ सकते हैं। हार्ट अटैक के रिस्क बढ़ाने वाले फैक्टर इस प्रकार हैं –

 

  • जेनेटिक कारण– ऐसी महिलाएं जिनके परिवार में हार्ट अटैक या दिल की बीमारी का इतिहास रहा हो।
  • मोटापा – महिलाओं का बढ़ता वजन भी हार्ट अटैक का रिस्क पैदा कर सकता है।
  • मेनौपॉज– रजोनिवृत्ति यानी मैनोपॉज का दौर भी हार्ट अटैक के रिस्क में इजाफा करता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर – हाई ब्लड प्रेशर भी महिलाओं में हार्ट अटैक के रिस्क को दूसरों की तुलना में बढ़ा देता है।
  • फिजिकल फिटनेस की कमी – जो महिलाएं नियमित तौर पर व्यायाम या एक्सरसाइज नहीं करती है, उन्हें हार्ट अटैक के रिस्क ज्यादा होते हैं।
  • कमजोर इम्यून सिस्टम – कमजोर प्रतिरोधी प्रणाली भी हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
  • पहले से मौजूद बीमारियां -महिलाओं में तनाव, एंजाइंटी या डिप्रेशन, डायबिटीज, कुछ ऑटो इम्यून डिस्ऑर्डर या सूजन संबंधी दिक्कतें भी हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा देती हैं।

 

ह्रदय रोग से किस तरह बचाव किया जा सकता है?

लाइफस्टाइल संबंधी आदतों में बदलाव करके और संतुलित डाइट को फॉलो करके हार्ट अटैक से बचाव (हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय) किया जाना संभव है। हार्ट अटैक के लक्षण समझ कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं –

 

  • मादक पदार्थों से परहेज – शराब, तंबाकू, निकोटीन जैसे नशा करने वाले पदार्थों के सेवन से परहेज करके हार्ट अटैक से बचाव किया जा सकता है। ये सभी पदार्थ ह्रदय रोग के रिस्क को बढ़ाते हैं।
  • संतुलित डाइट – अपनी डाइट में शरीर के लिए नुकसानदेय चीजों को निकाल देना चाहिए। डाइट में सोडियम, शुगर, वसा जैसी चीजों का इनटेक कम करना चाहिए। ये सभी चीजें हार्ट अटैक के जोखिम बढ़ाती हैं।
  • नियमित एक्सरसाइज – फिजिकल फिटनेस हार्ट अटैक से बचाती है। नियमित व्यायाम के जरिए दिल के दौरे के जोखिम काफी हद तक कम हो जाते हैं।
  • तनाव से दूरी – तनाव दिल के लिए बुरा होता है, इसलिए तनाव से दूरी बनाकर ही दिल की हेल्थ को मजबूत बनाया जा सकता है। तनाव लेने से शरीर में ऐसे हार्मोन पैदा होते है जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देते हैं।

 

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और उपाय) पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षणों से अलग दिखते हैं। चूंकि ये लक्षण आराम करते समय भी दिखते हैं इसलिए महिलाएं अक्सर इन्हें नजरंदाज कर बैठती हैं। महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों की सही समझ होना काफी जरूरी है क्योंकि इसी की मदद से हार्ट अटैक से शारीरिक क्षति और मौत के रिस्क से बचा जा सकता है। ऐसे में महिलाओं में हार्ट अटैक (हृदयाघात के इलाज के बारे में जानकारी) के लक्षणों को समय रहते पहचानने के लिए ह्रदय की नियमित जांच करवाते रहना चाहिए। इससे न केवल दिल की सेहत अच्छी रहेगी बल्कि हार्ट अटैक के खतरे से भी जीवन की सुरक्षा होती रहेगी। जिन लोगों के परिवार में ह्रदय रोग का इतिहास रहा है या फिर जिन महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण दिख रहे हों, उन्हें तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। डॉक्टरी सलाह बाद डॉ. लाल पैथलैब्स में हार्ट स्क्रीनिंग बुक करें। टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐप डाउनलोड करें।

 

FAQ

महिलाओं में हार्ट अटैक के रिस्क किन कारणों से बढ़ जाते हैं?

जेनेटिक्स यानी पारिवारिक इतिहास में ह्रदय रोग, मादक पदार्थों का सेवन, व्यायाम और सक्रियता की कमी, असंतुलित डाइट, शारीरिक स्थितियां जैसे मोटापा, हाई बीपी, डायबिटीज महिलाओं में हार्ट अटैक के रिस्क बढ़ाती हैं।

 

महिलाओं में ह्रदय रोग के लक्षण क्या हैं?

थकान, उल्टी और मतली, ह्रदय के आस पास दर्द, कंधों और पीठ में दर्द, पसीना आना, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जलन महिलाओं में ह्रदय रोग के लक्षण कहे जाते हैं।

178 Views

Get Tested with Doctor-Curated Packages for a Healthier Life

Related Posts

Categories

Other Related Articles