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किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण, जो नजरंदाज नहीं करने चाहिए

Medically Approved by Dr. Seema

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किडनी यानी गुर्दे शरीर को स्वस्थ रखने और विषाक्त पदार्थों से मुक्त रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किडनी अगर खराब हो जाए या उसकी कार्यक्षमता घट जाए तो शरीर कई दिक्कतों का शिकार हो जाता है। आमतौर पर किडनी के खराब होने के शुरुआती लक्षण इतने हल्के होते हैं कि इन पर ध्यान नहीं जाता है. किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण हमेशा किसी बड़ी परेशानी का संकेत नहीं देते हैं, इसलिए अक्सर लोग इन लक्षणों को नजरंदाज कर देते हैं। लेकिन किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण नजरंदाज करने पर किडनी कई तरह की दिक्कतों से घिर जाती है और किडनी फेल होने की नौबत तक आ जाती है। ऐसे में किडनी खराब होने के लक्षणों को सही समय पर पहचान कर किडनी फंक्शन टेस्ट (kft test in hindi) करवाना चाहिए ताकि क्रोनिक किडनी रोग (किडनी फेल होने के लक्षण) और उससे जुड़े खतरों को रोकने में सफलता मिल सके। इस लेख में जानते हैं किडनी डैमेज क्या है और किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण (किडनी फेल होने के लक्षण) क्या हैं। साथ ही जानेंगे कि किडनी फंक्शन टेस्ट (kft test in hindi) कब करवाना चाहिए।

किडनी डैमेज क्या है?

किडनी शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को छानकर बाहर निकालने के साथ साथ इलेक्ट्रोलाइट को बैलेंस करने और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम करती है। अगर किडनी खराब हो जाए या किडनी फेल हो जाए तो शरीर में अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों के साथ साथ अतिरिक्त फ्लुइड जमा होने लगता है। समय के साथ ये स्थिति दिल, हड्डियों और खून के साथ साथ शरीर की कई कार्यप्रणालियों पर बुरा असर डालती है।

किडनी डैमेज (किडनी फेल होने के लक्षण) के कई कारण हो सकते हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, लंबे समय से खास दवाओं का सेवन, डिहाईड्रेशन, असंतुलित लाइफस्टाइल और बार बार होने वाला इंफेक्शन। कई मामलों में ये समस्याएं शुरुआती लक्षण पैदा नहीं करती हैं जिनके चलते इनपर गौर नहीं किया जाता है। ऐसे में किडनी टेस्ट यानी किडनी फंक्शन टेस्ट (kft test in hindi) के जरिए इनकी पहचान की जा सकती है। अगर किडनी फंक्शन टेस्ट नॉर्मल रेंज दिखा रहा है तो चिंता की बात नहीं है लेकिन अगर किडनी फंक्शन टेस्ट रिजल्ट नॉर्मल रेंज से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही है।

किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण क्या हैं?

किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण अलग अलग दिखते हैं। अक्सर शुरुआत में ये लक्षण हल्के और आम दिखते हैं। ऐसे में लोग किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षणों को दूसरी बीमारियों के लक्षण समझ कर नजरंदाज कर बैठते हैं। किडनी फेल होने के लक्षण इस प्रकार हैं –

  1. टखनों और पैरों में सूजन आना (Swelling in the Ankles or Feet) – जब किडनी फिल्टर का काम करने में नाकाम होने लगती है तो सोडियम और पानी के संतुलन में गड़बड़ होने लगती है और हाथ पैरों में वाटर रिटेंशन के चलते सूजन आने लगती है।
  2. यूरिन के रंग और मात्रा में बदलाव (Changes in Urine) – किडनी में खराबी आने पर यूरिन में बदलाव आता है। यूरिन ज्यादा या कम आने लगता है, यूरिन का रंग गहरा होता है और यूरिन में झाग आने लगता है। कई बार यूरिन में खून भी आ सकता है।
  3. लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना (Persistent Fatigue) – किडनी डैमेज होने पर एनीमिया हो सकता है जिससे व्यक्ति को लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती रहती है।
  4. भूख कम लगना या भूख मर जाना (Loss of Appetite) – किडनी डैमेज होने पर शरीर में विषाक्त पदार्थ एकत्र होने लगते हैं जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइल समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में भूख लगनी बंद हो जाती है और मतली का अनुभव होने लगता है।
  5. त्वचा पर खुजली और रूखी त्वचा (Dry and Itchy Skin) – किडनी डैमेज होने पर खून में खनिज यानी मिनरल्स का असंतुलन या फिर यूरिया का हाई लेवल होने पर स्किन में खुजली होने लगती है और स्किन रूखी हो जाती है।
  6. नींद आने में दिक्कत होना (Difficulty Sleeping) – किडनी डैमेज होने पर धीरे धीरे नींद में दिक्कत आने लगती है। ऐसा शरीर में विषाक्त पदार्थों के जमने के कारण होता है।
  7. सांस लेने में कठिनाई होना (Shortness of Breath) – किडनी में खराबी आने के कारण फेफडों में फ्लुइड और विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं और ऐसे में एनीमिया होने के खतरे बढ़ जाते हैं। इन दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

किडनी फेल होने के लक्षण यानी किडनी खराब होने लक्षण हर व्यक्ति में अलग अलग दिखते हैं। हालांकि हर व्यक्ति में एक जैसे लक्षण नहीं दिखते हैं लेकिन फिर भी जब किसी व्यक्ति में दो या उससे ज्यादा समान लक्षण दिख रहे हों तो डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। इससे शुरूआती जांच में किडनी डैमेज का पता लगाने में मदद मिलती है। इससे पहले कि किडनी बुरी तरह खराब हो जाए या किडनी फेल हो जाए, किडनी की कार्यक्षमता का आकलन करने के लिए किडनी फंक्शन टेस्ट (kft test in hindi) क्रिएटिनिन स्तर, EGFR Test और यूरिन टेस्ट करवाना जरूरी माना जाता है। कई मामलों में डॉक्टर क्रिएटिनिन के स्तर की जांच करके आगे की जांच जैसे इमेजिंग स्टडी की सलाह दे सकते हैं।

आपको बता दें कि किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण हल्के हो सकते हैं लेकिन नजरंदाज करने पर ये बिगड़ सकते हैं। ऐसे में किडनी फंक्शन टेस्ट (kft test in hindi) और क्रिएटिनिन टेस्ट किडनी की सेहत की जांच के लिए एक शुरुआती और महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। डॉक्टरी सलाह के बाद डॉ. लाल पैथलैब्स में किडनी फंक्शन टेस्ट और क्रिएटिनिन टेस्ट बुक करें। टेस्ट बुक करने के लिए डॉ. लाल पैथलैब्स का ऐपडाउनलोड करें।

FAQ

क्या किडनी डैमेज को सही किया जा सकता है?
किडनी खराब होने के शुरूआती लक्षणों को सही समय पर पहचान कर और सही लाइफस्टाइल अपनाकर किडनी डैमेज की गति को रोका जा सकता है।

 

क्या किडनी डैमेज की समस्या हमेशा दर्दनाक होती है?
नहीं, किडनी डैमेज की हर समस्या दर्दनाक नहीं होती है, किडनी की कुछ समस्याएं हल्की और चुपचाप होती हैं जिन्हें किडनी फंक्शन टेस्ट (kft test in hindi) के जरिए जाना जा सकता है।
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