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फूड पॉइजनिंग – कारण, लक्षण और उपचार

Medically Approved by Dr. Seema

Table of Contents

Food Poisoning

खाद्य विषाक्तता यानी फूड पॉइजनिंग (Food poisoning) विषाक्त या दूषित भोजन या पानी के चलते शरीर के पाचन तंत्र में होने वाली परेशानी है। फूड पॉइजनिंग भारत जैसे देश में एक आम संक्रमण संबंधी बीमारी के तौर पर देखी जाती है। खासतौर पर मानसून के दौरान या सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों के दौरान ज्यादातर लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो जाते हैं। चलिए इस लेख में जानते हैं कि फूड पॉइजनिंग क्या है। इसके साथ साथ जानेंगे फूड पॉइजनिंग के कारण, लक्षण और इलाज के तरीके।

फूड पॉइजनिंग क्या है? (What is Food Poisoning?

फूड पॉइजनिंग विषाक्त (contaminated food), दूषित या खराब (spoiled Food) हो चुके भोजन और पानी के चलते होती है। विषाक्त भोजन या पानी के जरिए बैक्टीरिया (। Bacteria), वायरस (viruses), परजीवी (parasites) और विषाक्त पदार्थ (toxins) शरीर के पाचन तंत्र में घुस जाते हैं। इससे पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है और पाचन तंत्र खराब हो जाता है। इस दौरान पेट की परत औऱ आंतों में सूजन आ जाती है।

 

फूड पॉइजनिंग होने पर पेट खराब होता है और मरीज उल्टी, दस्त आदि का शिकार हो जाता है। ज्यादातर मामलों में फूड पॉइजनिंग  के लिए खास इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है। आमतौर पर फूड पॉइजनिंग के लक्षण 48 घंटों में खुद ही ठीक हो जाते हैं। लेकिन दूसरी तरफ अगर फूड पॉइजनिंग गंभीर रूप धारण कर ले और समय पर इलाज ना मिले तो ये स्थिति मरीज के लिए जानलेवा तक साबित हो सकती है।

फूड पॉइजनिंग के क्या कारण होते हैं? (What Are the Causes of Food Poisoning?)

फूड पॉइजनिंग को सही तरह से मैनेज करने के लिए इसके कारण को जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है। ज्यादातर फूड रिलेटेड बीमारियां भोजन और पानी में पाए जाने वाले विषाक्त इंफेक्शन के चलते होती हैं। भोजन को संक्रमित करने करने वाले तत्वों में बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी शामिल होते हैं। भोजन औऱ पानी इन वजहों से दूषित हो सकता है।

 

  1. बैक्टीरिया
  2. वायरस
  3. विषाक्त पदार्थ
  4. विषाक्त पदार्थ बनाने वाले बैक्टीरिया
  5. मोल्ड यानी फफूंद

फूड पॉइजनिंग के लक्षण क्या हैं? (What are Food Poisoning Symptoms?) 

आमतौर पर फूड पॉइजनिंग के लक्षण इसकी गंभीरता और इसके कारण पर निर्भर करते हैं। फूड पॉइजनिंग फैलाने वाले बैक्टीरिया या वायरस के आधार पर हर मरीज में ये लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। इस आधार पर फूड पॉइजनिंग के लक्षण कुछ घंटों से होकर कुछ दिनों तक दिखने शुरू हो जाते हैं। फूड पॉइजनिंग के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं –

 

  1. पेट खराब होना – मरीज का पेट खराब हो जाता है। पेट में गुड़ गुड़ की आवाज आती है और असहज फील होता है।
  2. उल्टी होना– मरीज को बार बार उल्टी आती है।
  3. दस्त होना – मरीर को दस्त लग जाते हैं।
  4. पेचिश (खूनी दस्त) – कई बार मरीज को खूनी दस्त लग जाते हैं।
  5. पेट में ऐंठन और दर्द महसूस होना – पेट में दर्द के साथ ऐंठन और खिंचाव महसूस होता है।
  6. बुखार होना – मरीज को बुखार आता है।
  7. सिर में दर्द होना – मरीज के सिर में दर्द होने लगता है।
  8. पेट और गले में जलन महसूस होना – मरीज के गले और पेट में जलन महसूस होती है।
  9. चक्कर और थकान महसूस होना – बार बार दस्त की वजह से शरीर में पानी की कमी होती है और मरीज को थकान महसूस होने लगती है।
  10. त्वचा पर रैशेज – कुछ मामलों में मरीज की त्वचा पर रैशेज दिखाई देते हैं।
  11. मुंह सूखना – मरीज का मुंह सूखने लगता है।

फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण इस प्रकार हैं

 

  1. नजर धुंधली होना
  2. बोलने औऱ निगलने में परेशानी होना
  3. सांस लेने में दिक्कत होना
  4. रोशनी से परेशानी होना
  5. यूरिन कम आना

 

फूड पॉइजनिंग के लक्षणों को सही समय पर पहचान कर इसका सटीक मैनेजमेंट हो सकता है ताकि मरीज जल्द से जल्द डॉक्टरी सहायता ले सके।

फूड पॉइजनिंग में डॉक्टरी परामर्श की जरूरत इन स्थितियों में पड़ती है? (What are Food Poisoning Symptoms?)

बच्चे और शिशु (Children and infants)

 

  1. बच्चों को ज्यादा उल्टी होने पर उनके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इससे डिहाइड्रेशन का शिकार हो सकता है जो बच्चों और शिशुओं के लिए खतरनाक स्थिति होती है।
  2. सोच औऱ व्यवहार में बदलाव आने पर
  3. जरूरत से ज्यादा प्यास लगने पर
  4. कमजोरी या चक्कर आने पर
  5. मल का काला होना या उसमें खून या मवाद आना
  6. पेट में तेज दर्द होने पर
  7. तेज बुखार आने पर

 

वयस्कों में (Adults) –

 

  1. ऐसे लक्षण जो नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र पर असर डाल रहे हों। जैसे धुंधली नजर, मांसपेशियों में दर्द औऱ कमजोरी औऱ त्वचा में झुनझुनाहट।
  2. सोच औऱ व्यवहार में बदलाव आने पर
  3. बुखार 39।4 डिग्री या इससे ज्यादा होने पर
  4. लगातार और बार बार उल्टी होने पर
  5. तीन दिन से ज्यादा समय तक दस्त होने पर
  6. डिहाइड्रेशन होने पर, जैसे मुंह सूखना, ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा थकावट महसूस करना, चक्कर आना और पेशाब कम आना या पेशाब नहीं आना।

फूड पॉइजनिंग की जांच कैसे की जाती है? (How is Food Poisoning Diagnosed) 

फूड पॉइजनिंग की जांच के लिए डॉक्टर लक्षणों के आधार पर मरीज से उसके खान पान को लेकर जानकारी ले सकते हैं। जैसे उसने कौन सा खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ कब खाया और कब किया है। इसके साथ साथ भोजन के दूषित होने या बासी होने की जानकारी भी ली जाती है। इसके अलावा मरीज के मल के सैंपल और ब्लड टेस्ट के जरिए भी शरीर में फूड पॉइजनिंग की पुष्टि हो सकती है।

फूड पॉइजनिंग का इलाज कैसे होता है? (How is Food Poisoning Treated)

फूड पॉइजनिंग का इलाज मरीज की शारीरिक स्थिति, बैक्टीरिया के प्रकार और लक्षणों की गंभीरता पर निर्भर करता है।

अगर किसी व्यक्ति में फूड पॉइजनिंग के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टरी परामर्श की सलाह दी जाती है। इसके बाद इंस्टेंट ब्लड सैंपल टेस्ट (Blood Test) और स्टूल सैंपल टेस्ट (Stool Sample Test) के लिए डॉ। लाल पैथलैब्स की वेबसाइट पर विजिट करें।

FAQs

प्रश्नदुनिया में सबसे ज्यादा फूड पॉइजनिंग के मामले कहां होते हैं।

दुनिया भर में फूड पॉइजनिंग के सबसे ज्यादा मामले अफ्रीका और दक्षिण पूर्वी एशिया में सामने आते हैं।

प्रश्नफूड पॉइजनिंग का असर कितने समय तक रहता है।

ज्यादातर मामलों में फूड पॉइजनिंग का असर एक सप्ताह तक रहता है। अगर फूड पॉइजनिंग गंभीर हो जाए तो इसके चलते मरीज की स्थिति जानलेवा हो सकती है।

 

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