logo

पीसीओडी क्या है – कारण, लक्षण और उपचार

Medically Approved by Dr. Seema

Table of Contents

PCOD

पीसीओडी (PCOD) यानी पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (Polycystic Ovarian Disease) एक ऐसा हार्मोनल डिसऑर्डर (Hormonal Disorder) है, जिससे दुनिया भर में अनगिनत महिलाएं प्रभावित होती हैं। हाल ही में महाराष्ट्र और भारत के दक्षिणी राज्यों में कराए गए अध्ययन में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में करीब 22। 5 फीसदी महिलाएं पीसीओडी की शिकार हैं। कई बार लोग पीसीओडी को पीसीओएस (PCOS) यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovarian Syndrome) समझ लेते हैं। जबकि पीसीओडी और पीसीओएस (PCOS) दो अलग अलग स्थितियां हैं। इस लेख में जानते हैं कि पीसीओडी क्या है, इसके कारण और लक्षण क्या हैं। साथ ही जानेंगे इसकी जांच और उपचार के तरीकों के बारे में।

पीसीओडी क्या है? (What is PCOD)

पीसीओडी महिलाओं में होने वाली ऐसी मेडिकल कंडीशन है जो शरीर में हार्मोनल बदलावों और कई बार आनुवांशिक कारणों के चलते होती है। पीसीओडी की समस्या आमतौर पर 14 साल की लड़कियों से लेकर 45 साल की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। पीसीओडी के चलते हार्मोन संतुलन बिगड़ने पर ओवरी यानी अंडाशय में छोटे छोटे सिस्ट (Cyst) बन जाते हैं। ये दिखने पर गांठ की तरह होते हैं। महिलाओं के सामान्य मासिक चक्र के दौरान दो अंडाशय हर माह बारी बारी से निषेचन के लिए तैयार अंडे रिलीज करते हैं। जो महिलाएं पीसीओडी से पीड़ित हैं, उनके शरीर में अंडाशय से चक्र से पहले या बाद में आंशिक रूप से परिपक्व अंडे रिलीज करते हैं। ये अंडे हार्मोनल डिस्ऑर्डर के चलते तरल से भरे छोटे छोटे सिस्ट यानी थैलों के रूप में विकसित हो जाते हैं। इन्हीं सिस्ट की वजह से अंडाशय में सूजन आती है और अंडाशय बड़ा हो जाता है।

 

आपको बता दें कि मासिक धर्म यानी पीरियड्स के साइकिल के दौरान अंडाशय कुछ मात्रा में एंड्रोजन भी रिलीज करते हैं जिसे पुरुष हार्मोन कहा जाता है। लेकिन पीसीओडी की स्थिति में अंडाशय एंड्रोजन का ज्यादा उत्पादन करते हैं। इससे महिलाओं में असामान्य पीरियड्स, वजन बढ़ना, बाल झड़ना, गर्भधारण में दिक्कत और कुछ एक मामलों में बांझपन की समस्या हो सकती है। चूंकि इस एंड्रोजन पुरुष हार्मोन है इसलिए इसके ज्यादा रिलीज होने पर मरीज के चेहरे और दूसरे अंगों पर बाल और रोएं निकलने शुरू हो जाते हैं।

पीसीओडी के क्या कारण हैं? (What Are the Causes of PCOD?)

यूं तो पीसीओडी के लिए जिम्मेदार कोई सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है लेकिन कुछ मेडिकल रिसर्च के बाद इसके कुछ खास कारण हैं जो पर्यावरण और आनुवांशिकी से जुड़े हैं। पीसीओडी के सामान्य कारण इस प्रकार हैं –

  1. आनुवांशिक (Genetics)
  2. अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods)
  3. इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance)
  4. वजन ज्यादा होना (Being obese or overweight)
  5. शरीर में पुरानी या ज्यादा सूजन होना (Chronic or high inflammation)
  6. शरीर में इंसुलिन का हाई लेवल (Excessive insulin levels)
  7. शरीर में एंड्रोजन का ज्यादा उत्पादन (Excess androgens)
  8. अनहेल्दी लाइफस्टाइल (Unhealthy Lifestyle)

पीसीओडी के सामान्य लक्षण क्या हैं? (What are Common PCOD Symptoms?

पीसीओडी के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  1. मासिक चक्र अनियमित होना
  2. मासिक चक्र के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना
  3. मुंहासे होना
  4. शरीर के कुछ हिस्सों जैसे पेट, जांघ और छाती पर बालों की ग्रोथ ज्यादा होना
  5. बाल तेजी से गिरना और गंजापन
  6. बालों का पतला होना
  7. मोटापा और तेजी से वजन बढ़ना
  8. डिप्रेशन की स्थिति
  9. मूड स्विंग
  10. नींद में कमी
  11. पिगमेंटेशन
  12. सिर में अक्सर दर्द रहना
  13. बगल, कमर या अंडरआर्म की त्वचा का रंग बदलना
  14. पीरियड्स के दौरान ज्यादा दर्द
  15. गर्भधारण करने में परेशानी होना
  16. पीरियड्स पूरी तरह बंद हो जाना

पीसीओडी का उपचार किस तरह होता है? (How Is PCOD Treated?) 

 

देखा जाए तो पीसीओडी का कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। हालांकि कुछ मेडिकल सहायता के जरिए इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। पीसीओडी के मैनेजमेंट के कुछ तरीके इस प्रकार हैं –

  1. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना (Leading a Healthy Lifestyle): पीसीओडी को मैनेज करने का सबसे अच्छा तरीका हेल्दी लाइफस्टाल अपनाना है। इसमें संतुलित और हेल्दी डाइट (Healthy Diet), नियमित रूप से व्यायाम (Daily Exercise)करना, वजन को कंट्रोल (Weight Control) में रखना और इंसुलिन रेजिस्टेंस (insulin resistance) को मेंटेन करना शामिल है।
  2. दवाएं (Taking Certain Medications): पीसीओडी के लिए कभी कभी डॉक्टर हार्मोन और पीरियड्स को नियमित करने के लिए दवाएं लिखते हैं। इन दवाओं के जरिए इंसुलिन रेजिस्टेंस और बालों की ग्रोथ पर भी अच्छा असर पड़ता है।
  3. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Fertility Treatments): पीसीओडी के दौरान कुछ महिलाओं के कंसीव करने यानी गर्धधारण करने में दिक्कत आती है। इससे निपटने के लिए कुछ स्पेशलिस्ट आईवीएफ (IVF) जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं।
  4. सर्जरी (Surgery): पीसीओडी के कुछ गंभीर मामलों में अंडाशय में बने सिस्ट को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी की मदद से न केवल सिस्ट हटाए जाते हैं बल्कि पीसीओडी की कई और जटिलताएं भी दूर हो जाती हैं।

पीसीओडी की जांच कैसे होती है? (How PCOD Diagnosed) 

 

पीसीओडी के लक्षणों को मैनेज करने के लिए समय रहते इसकी जांच जरूरी है। इसकी जांच कई तरह से होती है।

  1. मेडिकल हिस्ट्री (Medical History): मरीज की मेडिकल हिस्ट्री के जरिए डॉक्टर मरीज की जेनेटिक स्थिति को जानने की कोशिश करते हैं। इसमें सेहत के साथ साथ पीरियड्स की अनियमितता पर जानकारी मिलती है।
  2. बॉडी टेस्ट (Body Test): बॉडी टेस्ट में बीएमआई चैक की जाती है। इसके साथ साथ कमर का माप लिया जाता है और शरीर के हिस्सों पर बालों की ग्रोथ को जांचा जाता है।
  3. पेल्विक टेस्ट (Pelvic Test): इसमें ओवरी में संदिग्ध सूजन या गांठ का पता लगाया जाता है।
  4. ब्लड टेस्ट (Blood Test):  ब्लड टेस्ट के जरिए शरीर में एंड्रोजन का स्तर और ब्लड शुगर का स्तर चेक किया जाता है।
  5. सोनोग्राम (Sonogram): इसे वेजाइनल अल्ट्रासाउंड भी कहते हैं। इस टेस्ट में ओवरी की मोटाई और साइज को मापा जाता है। इसके साथ ही साउंड वेव के जरिए ओवरी में गांठ का पता लगाया जाता है।

 

यदि किसी महिला में पीसीओडी के लक्षण दिख रहे हैं तो उसके मैनेजमेंट के लिए डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। सटीक और डिटेल पीसीओडी पैनल टेस्ट (PCOD Test) के लिए डॉ लाल पैथलैब्स की वेबसाइट पर जाकर टेस्ट बुक करें।

FAQs 

प्रश्नक्या पीसीओडी और पीसीओएम एक ही स्थिति है।

उत्तर – नहीं पीसीओडी और पीसीओएम दो अलग अलग मेडिकल कंडीशन हैं।

प्रश्न -क्या पीसीओडी का पूरा इलाज संभव है।

नहीं, पीसीओडी को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि हेल्दी लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट, नियमित व्यायाम और वजन कंट्रोल करके इसे मैनेज किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ दवाएं भी इसकी रोकथाम में मदद करती हैं।

2122 Views

Get Tested with Doctor-Curated Packages for a Healthier Life

Related Posts

Categories

Other Related Articles